अमेरिकी अखबार को भारत में कोरोनावायरस से मौतों के आंकड़े पर संदेह

Webdunia
शनिवार, 18 जुलाई 2020 (15:50 IST)
वॉशिंगटन। भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित लोगों की बड़ी संख्‍या एवं तुलनात्मक रूप से मौत का आंकड़ा कम होने को लेकर अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने संदेह जताया है। उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की 10 लाख 40 हजार से ज्यादा है, जबकि लगभग 26 हजार लोगों की मौत हुई है। 
 
अखबार का कहना है कि अमेरिका और ब्राजील में जब कोरोना के कुल मामले 10 लाख थे तो मौत की संख्या करीब 50 हजार हो चुकी थी, लेकिन भारत में यह आंकड़ा 25 हजार के आसपास ही है। 
 
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि भारत एक तरफ यह कह रहा है कि वह अन्य देशों के मुकाबले अच्छा कर रहा है, जबकि वहां ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ी आबादी बिना स्वास्थ्य सुविधाओं के रहती है। अखबार के मुताबिक कोरोना से होने वालीं कई मौतें रिपोर्ट ही नहीं हो पाती। भारत में टेस्टिंग रेट भी कम है।
 
अखबार ने रूस में मौत के आंकड़ों पर भी संदेह जताया है, जहां 12 हजार लोगों की मौत हुई है। हालांकि भारत के संदर्भ में यह भी कहा गया है कि भारत में मौत के आंकड़े कम रहने के पीछे टीबी वैक्सीन और वायरस के कम घातक स्ट्रेन के मौजूद होने के साथ इम्यूनिटी फैक्टर को भी वजह बताया है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

सोनम के भाई गोविंद के गले लगकर फूट पड़ी राजा रघुवंशी की मां उमा

सबूत देख फूट-फूटकर रोई Sonam Raghuvanshi, शिलांग SIT के सामने कबूला- हां, मैं ही...

जहां दिखें, वहीं मार दो, 51 करोड़ के इनामी अलकायदा आतंकी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी धमकी

शादी, हनीमून, हत्या और प्यार के जुनून में लिपटी सोनम रघुवंशी की हेट स्टोरी, पढ़िये 360 डिग्री कहानी

IRCTC का नया तत्काल टिकट रूल, अब यात्रियों को एक दिन पहले मिलेगा कन्फर्म टिकट का अपडेट

सभी देखें

नवीनतम

निवेश योजनाओं के नाम पर 78 लोगों से 3.7 करोड़ की ठगी, 8 के खिलाफ मामला दर्ज

भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है बांग्लादेश, क्या बोले बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस

सोनम के मंगलसूत्र और अंगूठी से पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, क्या है इसका राज?

सिद्धरमैया ने की तोतापुरी आमों पर लगी रोक हटाने की मांग की, आंध्र के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

कौन है जीशान अख्तर जिसे लॉरेंस विश्नोई ने दिया था बाबा सिद्दीकी की हत्या का ठेका?

अगला लेख