नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच ओमिक्रॉन की वजह से भारत में फरवरी में कोरोनावायरस की तीसरी लहर आ सकती है। देश दुनिया के कई विशेषज्ञ इस ओर इशारा कर रहे हैं कि हमें पहले ही अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
नेशनल कोविड-19 सुपर मॉडल पैनल के प्रमुख एम विद्यासागर के मुताबिक, फरवरी में इसके केस पीक पर होंगे।
प्रोफेसर विद्यासागर ने बताया कि ब्रिटेन में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। हालांकि, भारत में ब्रिटेन जैसी स्थिति नहीं होगी। इसके पीछे उन्होंने दो वजहें बताईं। पहली- ब्रिटेन में सीरो-पॉजिटिविटी कम और वैक्सीन रेट हाई है। वहीं भारत में ये दोनों ज्यादा हैं। यही वजह है कि तीसरी लहर बहुत खतरनाक नहीं हो पाएगी।
हाल ही में ICMR प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने भी लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों और गैरजरूरी यात्रा से बचने की हिदायत दी थी। उन्होंने कहा था कि जिन जिलों में कोरोना के नए केस 5% से ज्यादा हैं, वहां के प्रशासन को अभी से पूरी सख्ती के साथ तैयारियां शुरू कर देना चाहिए।
हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी सचिव लव अग्रवाल भी मानते हैं कि हमें ओमिक्रॉन संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। ठंडा मौसम भी वायरस का संक्रमण फैलाने में मददगार साबित होगा। हालांकि अभी हालात स्थिर हैं, लेकिन हमें सावधानी बरतनी चाहिए। लोगों को सतर्कता बरतते हुए गैरजरूरी यात्रा और भीड़भाड़ से परहेज करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की रफ्तार बढ़ती दिखाई दे रही है। देश में अब तक ओमिक्रॉन के 145 मामले सामने आ चुके हैं।