राहुल गांधी ने कहा, कोरोना से लड़ने के लिए सरकार इस समस्या का सामना करे...

Webdunia
बुधवार, 1 जुलाई 2020 (15:08 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत एवं विदेश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ सक्रिय 4 भारतीय नर्सों से बातचीत के दौरान बुधवार को कहा कि कोविड-19 से लड़ाई के लिए जरूरी है कि सरकारें इस समस्या को स्वीकारें और इसका सामना करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारें ये समझाने का प्रयास कर रही हैं कि समस्या उतनी भयावह नहीं है जितनी दिख रही है, जबकि ऐसा नहीं है।

गांधी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों के अनुभव को लोगों के समक्ष साझा करने के मकसद से न्यूजीलैंड में काम कर रही केरल की अनु रगनत, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सेवारत राजस्थान के नरेंद्र सिंह, ब्रिटेन में कार्यरत केरल की शेरिमोल पुरावदी और दिल्ली स्थित एम्स में काम कर रहे केरल के विपिन कृष्णन से बातचीत की।

उन्होंने कहा, मैं इस तथ्य से हैरान हूं कि दिल्ली के कई अस्पतालों में कोरोना जांच की अनुमति नहीं दी जा रही है। निजी अस्पताल के एक डॉक्टर मुझे बता रहे थे कि अगर वे कोरोना संक्रमितों की जांच नहीं कर सकते, तो उनके लिए काम करना असंभव है।

कांग्रेस नेता ने कहा, मुझे लगता है कि सरकारें इस धारणा को लेकर काम करने की कोशिश कर रही हैं या यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि समस्या उतनी भी भयावह नहीं है जितनी वह दिख रही है।

उन्होंने कहा, मेरा यह मानना है कि हमें समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसके हल के लिए उस समस्या को स्वीकारना जरूरी है, सही ढंग से परिभाषित करना और फिर उस समस्या से लड़ना चाहिए। मुझे नहीं पता कि आप उस पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे।

संवाद के दौरान एम्स के नर्स विपिन कृष्णन ने खुद और अपनी पत्नी के कोरोना से संक्रमित होने का अनुभव साझा किया और उस स्वास्थ्यकर्मी को दिल्ली सरकार की ओर से घोषित आर्थिक मदद नहीं मिलने का उल्लेख किया जिनकी मौत पिछले दिनों कोरोना के कारण हुई। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वह स्वास्थ्यकर्मियों के मुद्दों को उठाएंगे और सरकार को पत्र भी लिखेंगे।
वह कोविड-19 संकट के असर एवं इससे निपटने के तरीकों को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों के साथ संवाद कर रहे हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने पूर्व अमेरिकी विदेश उपमंत्री निकोलस बर्न्स, उद्योगपति राजीव बजाज, जन स्वास्थ्य पेशेवर आशीष झा और स्वीडिश महामारी विशेषज्ञ जोहान गिसेक, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत की थी।(भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

नरेंदर सरेंडर... भोपाल में PM मोदी पर राहुल गांधी ने बोला जमकर हमला

क्या ये वन नेशन, वन हसबैंड योजना है, मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे, Operation Sindoor पर भगवंत मान के बयान पर बवाल

Operation Sindoor में भारतीय नुकसान पर फिर आया CDS अनिल चौहान का बयान, जानिए क्या कहा

सोनम की सास से बातचीत की आखिरी ऑडियो क्‍लिप वायरल, पढ़िए पूरी बात, लापता होने से पहले क्‍या कहा था बहू ने?

सभी देखें

नवीनतम

शेख मुजीबुर्रहमान अब बांग्लादेश के राष्‍ट्रपिता नहीं, कानून में संशोधन कर वापस ली उपाधि

एफिल टॉवर से भी ऊंचा है चिनाब पर बना रेलवे आर्च ब्रिज, PM मोदी दिखाएंगे वंदे भारत को हरी झंडी

कांग्रेस का भाजपा पर पलटवार, मोदी भारत हैं और भारत मोदी, यह सोच गलत

ईरान के सर्वोच्च नेता ने की अमेरिकी प्रस्ताव की आलोचना लेकिन परमाणु समझौते का विचार नहीं किया खारिज

बिलावल भुट्‍टो ने बताया, भारत पाकिस्तान मिलकर कैसे कम कर सकते हैं आतंकवाद?

अगला लेख