Diwali Story : दीपावली के इन 3 दिनों में नहीं रहता है भगवान विष्णु का राज, जानिए फिर कौन करता है शासन?

पं. हेमन्त रिछारिया
Diwali Story 
 
सृष्टि के आरंभ से इस संसार में रचयिता, शासनकर्ता एवं संहारक की व्यवस्था चली आ रही है। इस जगत के रचयिता ब्रह्मा हैं, भगवान विष्णु इस समस्त जगत पर शासन करते हुए सम्पूर्ण विश्व का संरक्षण करते हैं, वहीं भगवान शिव संहारक हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस भूलोक पर ऐसा भी एक समय आता है जब इस समस्त धरा-भूमि पर भगवान विष्णु का शासन नहीं रह जाता! तो फ़िर कौन करता है इस समस्त जगत पर शासन? 
 
आइए जानते हैं यह विस्मयकारी कथा-Diwali Story  
 
- शास्त्रानुसार कथा है कि जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि दान का वचन लेकर अपने दो पग से समस्त लोकों को नाप कर अपने अधीन कर लिया और तीसरे पग के लिए जब राजा बलि ने अपना मस्तक आगे किया तो उनकी इस विनम्रता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने राजा बलि से एक वर मांगने को कहा। तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से वर मांगते हुए कहा कि वे तीन दिवस पर्यंत इस सम्पूर्ण भूलोक के राजा बनकर इस पर शासन करना चाहते हैं और जो व्यक्ति उनके राज में दीपमाला प्रज्ज्वलित करें उसके यहां 'श्री' अर्थात् लक्ष्मी का स्थाई निवास हो। 
 
 भगवान विष्णु ने उनके इस वरदान को 'तथास्तु' कहकर पूर्ण कर दिया। कथानुसार वे तीन दिन धनत्रयोदशी से लेकर दीपावली के होते हैं। इस प्रकार धनत्रयोदशी से दीपावली (Diwali Story) तक इस सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान विष्णु का नहीं अपितु राजा बलि का शासन रहता है। वरदान के अनुसार जो व्यक्ति राजा बलि के राज में दीपमाला प्रज्ज्वलन करता है उसके यहां स्थाई लक्ष्मी का वास होता है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

ALSO READ: इस धनतेरस धनलक्ष्मी को रोक लें अपने आंगन में, जानिए 10 शुभ उपाय, सुख समृद्धि के लिए अवश्य आजमाएं
677 साल बाद बना है खरीदी का महामुहूर्त और महासंयोग, जानिए क्या है खास

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

Chinnamasta jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है छिन्नमस्ता जयंती, कब है और जानिए महत्व

18 मई 2024 : आपका जन्मदिन

18 मई 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Maa lakshmi beej mantra : मां लक्ष्मी का बीज मंत्र कौनसा है, कितनी बार जपना चाहिए?

Mahabharata: भगवान विष्णु के बाद श्रीकृष्‍ण ने भी धरा था मोहिनी का रूप इरावान की पत्नी बनने के लिए