पर्यावरण दिवस: ऐसे Indoor-outdoor plants जिन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती

Webdunia
-अथर्व पंवार 
वर्तमान परिपेक्ष्य में देखें तो आपकी और हमारी जीवन शैली 'आराम है हराम' के विचार से ओतप्रोत हो गई है। हमारे पास अपने ऊपर ध्यान देने का ही समय नहीं रहता है। ऐसी स्थिति में अगर हम आपको किसी और की जिम्मेदारी लेने का कहें तो आप एक बार तो अवश्य सोचेंगे की इसे लेना उचित होगा या नहीं। 
 
इसी दौड़भाग भरी ज़िन्दगी में व्यक्ति करना तो बहुत कुछ चाहता है पर उसके पास समय नहीं है। ऐसे ही कई लोग है जो चाहते हैं कि उनकी बालकनी और बगीचे हरे भरे दिखे। उनके घर में भी पेड़ पौधे हों, वह भी पौधों का पालन पोषण करके प्रकृति संरक्षण में अपना छोटा सा योगदान दे सके।
 
 हम आपके लिए लाए हैं ऐसे पौधों की जानकारी जिन्हें देख रेख की कम आवश्यकता होती है और विशेषकर कम पानी और अधिक धूप में भी इनका पोषण हो सकता है।
सर्वप्रथम प्रस्तुत है कुछ indoor plants -
स्नेक प्लांट-
इस पौधे का हम घरों के अंदर रखकर पालनपोषण कर सकते हैं। यह घरों में ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पौधे के रूप में जाना जाता है। इसे आप अपनी टेबल से लेकर शोपीस स्टैंड तक में रख सकते हैं। इसे कम पानी की आवश्यकता होती है। सप्ताह में एक बार भी अगर इसे पानी देते हैं तो यह अच्छा पनपता है। इसे मात्र प्रकाश की आवश्यकता होती है, वह भी कम मात्रा में। इसे ऐसी जगह न रखें जहां सीधी धूप पड़ती हो वरना यह समाप्त हो जाएगा। इसमें भी आपको विविधता मिल जाएगी। 

सिंगोनियम-
इस indoor plant को भी कम पानी की आवश्यकता होती है। इसके बारे में कहा जाता है की जहां पानी (नमी) होती है यह उस उस दिशा में बढ़ने लगता है। इसे भी कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। इसे भी भरपूर ऑक्सीजन देने वाला पौधा माना जाता है। 

क्रोटोन -
यह ऐसा पौधा है जिसे आप indoor और outdoor दोनों स्थितियों में रख सकते हैं। यह भिन्न भिन्न रंगों, आकारों और आकृतियों की पत्तियों में मिलता है। इसे भी कम पानी की आवश्यकता होती है, आप 3 से 4 दिन में भी एक बार पानी देते हैं तो वह इसके लिए पर्याप्त है। इसे भी ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती। 
अब कुछ outdoor plants -
बोगनवेलिया-
जब हम कहीं बाउंड्रीवाल पर या सड़क के बीच डिवाइडरों में गुलाबी, सफ़ेद और पीले फूलों की सुंदर झाड़ियों जैसे पौधे दिखते हैं और कई स्थानों पर तो वृक्षों के रूप में भी दिखते हैं, वह यही बोगनवेलिया ही होते हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि इसे जितना ignore करो यह उतना ही अधिक फैलता है।

कनेर -
इसे भी आपने सड़कों के डिवाइडर में रौंपा हुआ देखा होगा जिसमे पीले और श्वेत फूल दिखते हैं। इसे भी कम पानी की आवश्यकता होती है। 

अडेनियम-
यह मूलतः अफ्रीका का पौधा है। इसमें गर्मियों में बेहद सुन्दर फूल आते हैं और शीत ऋतु में यह शयन अवस्था में चला जाता है। इसे आप धूप में भी रख देंगे तो कोई समस्या नहीं है। 

चांदनी-
यह तो आपने अपने आसपास कहीं न कहीं तो अवश्य देखा होगा। इस पौधे में श्वेत पुष्प आते हैं। जब यह एक वृक्ष का रूप ले लेता है तो इस पर आए अथाह सफ़ेद फूल ऐसे लगते हैं जैसे हम बर्फ़बारी में छाता लेकर निकले हो और छाते पर बर्फ गिर रही हो। यह भी हर मौसम में विशेषकर कर धूप में भी चल जाता है। 

सदाबहार -
इसके छोटे छोटे कोमल फूलों से तो आप अवगत होंगे ही। इसमें गुलाबी और सफ़ेद रंगों के फूल आते हैं। इसके बारे में ऐसी अवधारणा है की यह अपने आप ही उग जाता है। यह सड़क के किनारे से, किसी कोने की झाडियों में भी उग जाता है। इसे भी कम पानी की आवश्यकता होती है। कम देखरेख में भी यह पनप सकता है। 

ऑफिस टाइम -
इसका नाम बड़ा ही आकर्षक है। इसका नाम ऐसा इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें लगने वाले फूल सुबह खिलते हैं और शाम को मुरझा जाते हैं । जैसी स्थिति किसी ऑफिस जाने वाले व्यक्ति की होती है वैसी ही इस फूल की भी होती है। यह ऐसा पौधा है जिसे गर्मियों में भी धूप की आवश्यकता होती है। अगर आपको चिंता होती है कि इतनी तेज धूप में कहीं पौधा ख़राब न हो जाए, तो इस पौधे के सन्दर्भ में चिंता मत करिए। इसे ज्यादा पानी भी नहीं देना पड़ता है। 

जेड प्लांट -
यह पौधे आपको इंदौर के पूलों पर लगे मिल जाएंगे। यह कम खाद से भी पनप जाते हैं। मूलतः यह अफ्रीकी पौधा है। वहां की गर्म जलवायु के कारण इसके बड़े पेड़ मिलते हैं। इस outdoor plant को कम पानी और ज्यादा धूप की आवश्यकता होती है।

चंपा-
यह पौधा धूप में भी चल जाता है। इसमें सफ़ेद और गुलाबी रंग के खूबसूरत फूल आते हैं। इसके फूलों से बेहद हलकी सी मधुर सुगंध भी आती है।
चित्र सौजन्य - कल्याण नेमावरकर

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