चुनावी गर्मी के बीच 'उदास' है अहमदाबाद

Webdunia
शनिवार, 25 नवंबर 2017 (14:33 IST)
अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा चुनाव की चर्चा जगह-जगह होने लगी है, लेकिन राजनीति और अर्थ का केंद्रबिन्दु  माने जाने वाले इस ऐतिहासिक शहर में अभी भी 'चुनावी रंग' नहीं चढ़ सका है।
 
औद्योगिक, व्यावसायिक और शिक्षा का केंद्र माने जाने वाले इस नगर में प्रथम चरण का मतदान नौ दिसंबर को होने  वाला है इसके बावजूद यहां न तो किसी पार्टी का झंडा, बैनर, पोस्टर आदि नजर आ रहा है और न ही कोई राजनीतिक  परिदृश्य दिख रहा है। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं का दौरा शुरू हो गया है  उसके बावजूद शहर उदास है।
 
लगभग 70 लाख की आबादी वाले इस शहर में कुल 16 विधानसभा सीट है। शहर में निजी कंपनियों के बैनर पोस्टर  तो दिख जाते हैं, लेकिन राजनीतिक दलों का इस तरह का कोई प्रचार नहीं है। 
 
भाजपा और कांग्रेस के इस शहर के प्रमुख स्थानों पर आलीशान कार्यालय हैं, लेकिन वहां कोई विशेष चहल-पहल नहीं है।  भाजपा ने अपने कार्यालय के अलावा एसजी रोड में मीडिया केंद्र बनाया है जहां से प्रचार कार्य चलाया जा रहा है।  कार्पोरेट घरानों के कार्यालयों की तर्ज बने यह केंद्र आधुनिक सुविधाओं से लैस है तथा यहां नेताओं के प्रेस कांफ्रेंस के  लिए स्टूडियो जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। इस कार्यालय के बाहर एक होर्डिंग लगा है जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा कुछ स्थानीय नेताओं के चित्र लगे हैं। 
 
कांग्रेस का राज्य कार्यालय यहां कार्पोरेट घरानों की तर्ज पर ही शानदार ढंग से बना है। राजीव गांधी भवन में तमाम  आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन यहां कोई विशेष चहल पहल नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यालय के  कर्मचारियों ने बताया कि सभी पदाधिकारी पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रम में लगे हैं।
 
गांधी कल से ही राज्य के दौरे पर हैं। गांधी ने शुक्रवार शाम ही शहर के पूर्वी क्षेत्र में एक रोड शो किया और लोगों को  संबोधित किया। कांग्रेस कार्यालय के बाहर जो होर्डिंग लगे हैं उनमें से एक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की एक बड़ी  सी तस्वीर लगी है। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पार्टी के अन्य स्थानीय नेताओं की छोटी-छोटी  तस्वीर हैं। दूसरे होर्डिंग में श्रीमती गांधी की बड़ी सी तस्वीर लगी है जिसमें अन्य स्थानीय नेताओं का चित्र लगा है।
 
भाजपा और कांग्रेस के कार्यालय में अपनी-अपनी पार्टी की मदद के लिए राजस्थान और महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से  पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता आए हुए हैं। वे खुलकर कुछ भी बोलने से बचते हैं और केवल इतना कहते हैं कि  पार्टी ने जो उन्हें जिम्मेदारी दी है उसे पूरा कर रहे हैं।
 
अहमदाबाद स्थित निजी संस्थानों में काम करने वाले अधिकारी या कर्मचारी चुनाव की चर्चा किये जाने पर इससे बचते  हैं। वे चुनाव संबंधी किसी भी सवाल को टाल कर जल्दी से निकल जाते हैं।
 
यहां रहकर अलग-अलग प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले युवक चुनावी चर्चा से बचते हैं। आमतौर पर ऑटो  चालकों में चुनाव को लेकर दिलचस्पी है। सिंधी ऑटो चालक ने बताया कि अभी यहां कांग्रेस और भाजपा की बराबर की  टक्कर है लेकिन, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चुनाव प्रचार अभियान शुरू होगा तो स्थिति बदलेगी। यहां घर-घर में  लोग मोदी और शाह को जानते हैं।
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को अपना नेता बताने वाले इस ऑटो चालक ने कहा कि वह यहां से कई  बार सांसद रहे इसके बावजूद अपने समाज के लिए कोई खास कार्य नहीं किया। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

Election Results : कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र और झारंखड पर जनता का फैसला, सत्ता की कुर्सी पर कौन होगा विराजमान

LG ने की आतिशी की तारीफ, कहा- केजरीवाल से 1000 गुना बेहतर हैं दिल्ली CM

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

Wayanad bypolls: मतगणना के दौरान प्रियंका गांधी पर होंगी सभी की निगाहें, व्यापक तैयारियां

Manipur: मणिपुर में जातीय हिंसा में 258 लोग मारे गए, 32 लोग गिरफ्तार

अगला लेख