गुरु पूर्णिमा : कबीर ग्रंथावली में गुरु से संबंधित दोहे

डॉ. छाया मंगल मिश्र
गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रस्तुत है संत कबीर के गुरु पर रचे दोहे
 
-सतगुरु की महिमा अनंत, अनंत किया उपगार.
लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावण हार.
 
-सतगुरु सांचा सुरिवां, सबद ज्यूं बाह्या एक.
लगत ही मैं मिल गया, पड्या कलैजे छैक.
 
-गूंगा हुआ बावला, बहरा हुआ कान.
पाऊं थैं पंगुल भया, सतगुरु मार्या बान.
 
-पीछैं लगा जाइ था, लोक बेद के साथि.
आगे थैं सतगुरु मिल्या, दीपक दिया हाथि.
 
-ज्ञान प्रकासा गुरु मिल्या, रलि गया आटैं लूण.
जाति पांति कुल सब मिटे, नांव धरौगे कौण.
 
-भली भई जो गुरु मिल्या, नहीं तर होती हाणि.
दीपक दिष्टि पतंग ज्यूं, पड़ता पूरी जाणि.
 
-पार ब्रह्म बूठा मोतियां, घड़ बांधी सिषराह.
सगुरां सगुरां चुणि लिया, चूक पड़ी निगुरांह.
 
-ऐसा कोई न मिलै, हम कौं दे उपदेस.
भौसागर में डूबतां, कर गहिं काढैं केस.
 
-भरम न भगा जीय का, अनंतहि धरिया भेष.
सतगुरु परचै बहिरा, अंतरि रह्या अलेष.
 
-चलौं चलौं सबको कहै, मोहि अंदेसा और.
साहिब सूं पर्चा नहीं, ए जाइंगे किस ठौर.
 
-कबीर हीरा-वणजिया, हिरदे उकठी खाणि.
पारब्रह्म क्रिपा करी, सतगुरु भये सुजाण.
 
-माया दीपक नर पतंग, भ्रमि भ्रमि इवै पडंत.
कहै कबीर गुरु ज्ञान थें, एक आध उबरंत.
 
-जाका गुर भी अंधला, चेला खरा निरंध.
अंधे अंधा ठेलिया, दून्यूं कूप पडंत.
 
-सतगुरु बपुरा क्या करै, जे सिषही मांहे चूक.
भावै त्यूं प्रमोधि ले, ज्यों बंसी बुजाई फूक.
 
-नां गुर मिल्या न सिष भया, लालच खेल्या दाव.
दून्यूं बुड़े धार में, चढ़े पाथर की नाव.
 
-गुरु कृपाल कृपा जब किन्हीं, हिरदै कंवल बिगासा.
भागा भ्रम दसौं दिस सुझ्या, परम जोति प्रकासा.
संकलन : डॉ.छाया मंगल मिश्र  
 
ALSO READ: मेरा भारत क्यों महान है ?? जानिए भारत की ऋषि परम्परा

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सावन मास के दौरान सपने में शिवजी या सांप दिखाई दे तो क्या होता है?

त्रिसंध्या क्या होती है, कैसे करते हैं इसे?

सावन सोमवार में भगवान शिवजी की 3 प्रकार से करें पूजा, फिर देखें चमत्कार

सूर्य का कर्क राशि में गोचर चमकाएगा इन 5 राशियों की किस्मत

सावन में सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मिलते हैं चमत्कारी परिणाम, खुल जाएंगे धन और ऐश्वर्य के द्वार

सभी देखें

धर्म संसार

17 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

17 जुलाई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

18 जुलाई बुध कर्क राशि में वक्री गोचर, 4 राशियों को नौकरी और व्यापार में मिलेगा लाभ, करें उपाय

17 जुलाई से होगा सौर सावन माह प्रारंभ, किस राज्य में होगा श्रावण मास प्रारंभ जानिए

सावन में व्रत रख रहे हैं तो इन तीन योगासनों को करना न भूलें, बनी रहेगी फिटनेस

अगला लेख