निपाह वायरस को भी नष्ट करेगा गुणकारी कड़वा चिरायता

निपाह वायरस को भी नष्ट करेगा गुणकारी कड़वा चिरायता
Webdunia
कभी स्वाईन फ्लू तो कभी बर्ड फ्लू, कभी मलेरिया तो कभी कुछ साल भर हमारे देश में कोई ना कोई बीमारी का प्रकोप रहता है। लेकिन इन दिनों निपाह वायरस की सूचना ने सबको डरा रखा है। इस वायरस को भी नष्ट या कमजोर किया जा सकता है। बरसों से हमारी दादी-नानी कड़वे चिरायते से बीमारियों को दूर भगाती रही है। दरअसल यह कड़वा चिरायता एक प्रकार की जड़ीबूटी है जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। 
 
पहले इस चिरायते को घर में सूखा कर बनाया जाता था लेकिन आजकल यह बाजार में कुटकी चिरायते के रूप में उपलब्ध है।

ALSO READ: कितना खतरनाक है निपाह (NiV) वायरस, क्या हैं लक्षण और कैसे फैलता है?
 
घर में चिरायता बनाने की विधि - 100 ग्राम सूखी तुलसी के पत्ते का चूर्ण, 100 ग्राम नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण, 100 ग्राम चिरायते का चूर्ण लीजिए। इन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर एक बड़े डिब्बे में भर कर रख लीजिए। यह तैयार चूर्ण मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध से सेवन करें। मात्र दो दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा। बुखार ना होने की स्थिति में इसका एक चम्मच सेवन प्रतिदिन करें। यह चूर्ण किसी भी प्रकार की बीमारी चाहे वह स्वाइन फ्लू या निपाह ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर रखता है। इसके सेवन से शरीर के सारे कीटाणु झर जाते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

हर मौसम में काम आएंगे पानी के संकट से बचने के ये 10 तरीके

कैंसर के इलाज में क्रांति है CAR टी-सेल थेरेपी, जानिए कैसे करती है काम

गर्मियों में इम्युनिटी बढ़ाने वाले इस डेली डाइट रूटीन को करें फॉलो, दिनभर रहेंगे एनर्जेटिक

घर पर कैसे बनाएं गर्मी में ठंडक पहुंचाने वाले रसीले शरबत, नोट करें 3 रेसिपी

रात को शहद में भिगोकर रख दें यह एक चीज, सुबह खाने से मिलेंगे सेहत को अनगिनत फायदे

सभी देखें

नवीनतम

बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

डायबिटीज-कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं नवरात्रि व्रत में खाए जाने वाले ये 7 सुपर फूड, सेहत को मिलते हैं अनगिनत फायदे

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

सरकार के छोटे-छोटे कदम टीबी मुक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे

अगला लेख