क्या होता है सी-फूड, क्या आपको पसंद है

Webdunia
अगर आपसे कोई पूछे कि सीफूड क्या होता है? तो आप सोचेंगे कि जिसके नाम में ही जवाब है, उसका और दूसरा क्या जवाब दिया जाए? सीफूड का स्रोत्र समंदर होता है यह तो हम जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि समुद्री तटों पर सहजता से उपलब्ध सीडफूड न केवल बेहतरीन डाइट है बल्कि कई तरह के रोगों के निवारण में दवाई की तरह भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही सीफूड वेज और नॉनवेज दोनों प्रकार का होता है। 
 
जब भी हम सीफूड का नाम सुनते हैं हमारे दिमाग में सबसे पहले मछली, झींगा, क्रेब्स के नाम आते हैं, लेकिन सीफूड में इनसे ज़्यादा और भी कई डिश हैं, जिनके बारे में काफी लोग अब तक अन्जान हैं। कई लोग ऐसा मानते हैं कि सीफ़ूड मुंबई, चेन्नई, केरल, या गोवा जैसी जगहों पर ही मिल सकता है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है।
 
भारत विदेशी मछलियों और समुद्री खाने से भरा पड़ा है। मछलियों और अन्य समुद्री खाद्य उत्पादों की काफी वैरायटी भारत के समुद्री तटों पर उपलब्ध है, जो भारत को दुनिया के प्रमुख समुद्री खाद्य निर्यातकों और व्यापारियों में से एक बनाता है। चिकन को बहुत तादाद में पसंद किया जाता है। अगर सीफुड से इसकी तुलना करें तो समुद्री भोजन( सीफूड) कई गुना ज्यादा स्वादिष्ट होता है। भारतीय समुद्री भोजन को विशेष भारतीय मसाले और जड़ी-बूटियों के साथ पकाया  जाता है। केरल और गोवा सीफूड के लिए सबसे प्रसिद्ध स्थान है।  
 
गोवा और केरल व्यंजनों की सबसे महत्वपूर्ण खानों में से एक मछली है। पश्चिम बंगाल की मछली करी बहुत लोकप्रिय है और चावल के साथ उसका स्वाद और  भी ज़्यादा बढ़ जाता है। भारत में सबसे पसंदीदा सीफूड मछली, केकड़ा और झींगे (fish,crab and prawns) हैं। Crab Xacuti and Meen Curry  गोवा और केरल के बेस्ट सीफूड माने जाते हैं।
 
फिश 
भारतीय मछली व्यंजन का एक अलग ही टैंगी स्वाद है। मछली को पकाने के कई तरीके हैं जैसे इसे फ्राई कर या करी के साथ भी खा सकते हैं। हर राज्य मेंफिश पकाने का अपना तरीका होता है। केरल और गोवा में कई स्वादिष्ट मछली व्यंजन शामिल हैं। बंगाली खाने में पाए जाने वाले मछली व्यंजन बहुत ही अलग और लाजवाब होते हैं।
 
प्रॉन्स( झींगा)
झींगा भारत के तटीय क्षेत्रों में एक प्रमुख डिश है। तवा और मसाला झींगे सबसे स्वादिष्ट माने जाते हैं। भारतीय झींगे व्यंजन बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं और  इनको पकाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता। प्रॉन्स को जैतून का तेल, मिर्च और कुछ भारतीय मसालों के साथ पकाया जाता है। 
 
केकड़ा
पूरे भारत में केकड़ा सबसे पसंदीदा समुद्री व्यंजनों में से एक है। केकड़ा तंदूरी, केकड़ा करी और केकड़े सूप भारत में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। मसालेदार भारतीय  केकड़े करी (Spicy Indian crab curry) कम लौ पर मसाले और नारियल के मिश्रण के साथ पकाई जाती है। यह केकड़े की करी ठंड के मौसम में और स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।
 
लॉबस्टर
लॉबस्टर भारत में बहुत ही लोकप्रिय हैं और सबसे ज्यादा यह शादी-पार्टी के लिए प्रसिद्ध हैं। लॉबस्टर बहुत प्रसिद्ध समुद्री भोजन है और इसे उबाल भी सकते है, ग्रिल भी कर सकते और बेक भी कर सकते है। कभी क्रैब और प्रॉन्स की जगह मसाला लॉबस्टर खाए तो पता चले की लॉबस्टर लंच के लिए सबसे परफेक्ट सीफूड है। 
 
स्क्विड (Squid) 
भारत के समुद्री भोजन के मेन्यू में स्क्विड एक नई खाने की प्रस्तुति है। फ्राइड स्क्विड और स्क्विड चिली फ्राई सबसे पसंदीदा सीफूड हैं। स्क्विड डिश का मुश्किल हिस्सा उसको साफ करना होता है।  
 
ओएस्टर (Oyster) 
ओएस्टर बहुत ही मशहूर डिश है। ऑयस्टर्स अलग-अलग प्रकार से तैयार किया जा सकता है जैसे ब्रोइलेंड ऑयस्टर्स या डीप फ्राइड ऑयस्टर्स। भारतीय समुद्री खाद्य व्यंजनों में घोंघे (snails) भी शामिल करते हैं, जिन्हें बेगई (Baigai) नाम से जाना जाता है। भारत में कई जगह घोंघे एक पॉपुलर फूड के तौर पर माने जाते हैं। यह धान के खेतों, झील और नदियों में पाए जाते हैं।  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

कान के इंफेक्शन और दर्द को दूर करने का रामबाण इलाज

जानिए खराब पोश्चर को सुधारने का सबसे अच्छा तरीका

Eye Care Tips : कॉफी आइस क्यूब्स से करें Under Eyes की देखभाल

ये हैं आपके बेटे के लिए सुंदर और अर्थपूर्ण नाम, संस्कारी होने के साथ बहुत Unique हैं ये नाम

स्वास्थ्य सुधारने के लिए डिजिटल डिटॉक्स क्यों है जरूरी? जानें इसकी ये बेहतरीन टिप्स

सभी देखें

नवीनतम

बाल गीत : श्रम के अखाड़े

कितनी खिचड़ी खाकर मिलिंद सोमन रहते हैं फिट, जानिए एक्टर की सेहत का राज

डाइट में शामिल करें ये छोटा-सा खट्टा फल, बीपी और शुगर को नियंत्रित रखने में है बहुत फ़ायदेमंद

Beauty Tips : दमकती और बेदाग त्वचा के लिए मिनटों में बनाएं ये आसान और बेहतरीन फेस मास्क

इसलिए फ़ायदेमंद है Ego, जानिए क्या है ईगो का सकारात्मक पहलू और क्यों है ये ज़रूरी

अगला लेख