Manoj Kumar death cause: हार्ट की इस गंभीर बीमारी के कारण हुआ दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का निधन

क्या होता है मायोकार्डियल इन्फार्क्शन से आने वाले कार्डियोजेनिक शॉक, जानिए कैसे बचें?

WD Feature Desk
शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 (15:13 IST)
How did Actor Manoj Kumar died in hindi: देशभक्ति के जज्बे को फिल्मों में जीवंत कर देने वाले दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। 87 वर्षीय मनोज कुमार का निधन मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में हुआ। उन्होंने एक लंबे समय तक भारतीय सिनेमा में योगदान दिया और ‘भारत कुमार’ के नाम से भी मशहूर हुए।
 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोज कुमार का निधन मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (Myocardial Infarction) के कारण हुए कार्डियोजेनिक शॉक (Cardiogenic Shock) से हुआ। इसके अलावा बताया जा रहा है कि वे डीकंपेंसेटेड लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे। इस लेख में आइए जानते हैं इन जटिल स्वास्थ्य स्थितियों को सरल भाषा में। 
 
क्या होता है मायोकार्डियल इन्फार्क्शन? (Myocardial Infarction in Hindi)
मायोकार्डियल इन्फार्क्शन को आम भाषा में हार्ट अटैक कहा जाता है। यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों (myocardium) को पर्याप्त ऑक्सीजन और रक्त नहीं मिल पाता। इसकी मुख्य वजह हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज होना है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और हृदय की कोशिकाएं मरने लगती हैं।
इस स्थिति में व्यक्ति को छाती में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना और बेचैनी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
 
कैसे आता है कार्डियोजेनिक शॉक? (Cardiogenic Shock in Hindi)
कार्डियोजेनिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसमें हृदय पर्याप्त मात्रा में रक्त पंप करने में असमर्थ हो जाता है। इसका सीधा असर शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति पर पड़ता है, जिससे अंगों की कार्यक्षमता तेजी से गिरने लगती है। मायोकार्डियल इन्फार्क्शन कार्डियोजेनिक शॉक का कारण होता है, क्योंकि जब दिल की मांसपेशियों को नुकसान हो जाता हैं, तो वह खून को सही ढंग से पंप नहीं कर पाता।
 
कार्डियोजेनिक शॉक के लक्षण क्या हैं?
इस स्थिति को पहचानने के लिए कुछ सामान्य लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है:
अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि कार्डियोजेनिक शॉक जानलेवा हो सकता है।
 
कैसे बचें? (Cardiogenic Shock Prevention Tips in Hindi)
हालांकि कार्डियोजेनिक शॉक अचानक हो सकता है, लेकिन इसकी संभावना को कम करने के लिए कुछ जरूरी उपाय किए जा सकते हैं:
मायोकार्डियल इन्फार्क्शन और कार्डियोजेनिक शॉक में अंतर
बहुत से लोग इन दोनों स्थितियों को एक ही मान लेते हैं, जबकि इनमें अंतर होता है। मायोकार्डियल इन्फार्क्शन मुख्य रूप से दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है, जब दिल की आर्टिरीज बंद हो जाती हैं। वहीं कार्डियोजेनिक शॉक हार्ट की पंपिंग क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे पूरे शरीर में ब्लड फ्लो रुक जाता है। दोनों ही स्थितियां गंभीर होती हैं और अक्सर एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं। 
 
हृदय संबंधी बीमारियां आज के समय में तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में समय पर जांच, लक्षणों को पहचानना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही सबसे अच्छा उपाय है। 


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