14 जून को है कबीर जयंती, जानिए संत कबीर के गुरु पर रचे दोहे

Webdunia
-सतगुरु की महिमा अनंत, अनंत किया उपकार.
लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावण हार.
 
-सतगुरु सांचा सुरिवां, सबद ज्यूं बाह्या एक.
लगत ही मैं मिल गया, पड्या कलैजे छैक.
 
-गूंगा हुआ बावला, बहरा हुआ कान.
पाऊं थैं पंगुल भया, सतगुरु मार्या बान.
 
-पीछैं लगा जाइ था, लोक बेद के साथि.
आगे थैं सतगुरु मिल्या, दीपक दिया हाथि.
 
-ज्ञान प्रकासा गुरु मिल्या, रलि गया आटैं लूण.
जाति पांति कुल सब मिटे, नांव धरौगे कौण.
 
-भली भई जो गुरु मिल्या, नहीं तर होती हाणि.
दीपक दिष्टि पतंग ज्यूं, पड़ता पूरी जाणि.
 
-पार ब्रह्म बूठा मोतियां, घड़ बांधी सिषराह.
सगुरां सगुरां चुणि लिया, चूक पड़ी निगुरांह.
 
-ऐसा कोई न मिलै, हम कौं दे उपदेस.
भौसागर में डूबतां, कर गहिं काढैं केस.
 
-भरम न भगा जीय का, अनंतहि धरिया भेष.
सतगुरु परचै बहिरा, अंतरि रह्या अलेष.
 
-चलौं चलौं सबको कहै, मोहि अंदेसा और.
साहिब सूं पर्चा नहीं, ए जाइंगे किस ठौर.
 
-कबीर हीरा-वणजिया, हिरदे उकठी खाणि.
पारब्रह्म क्रिपा करी, सतगुरु भये सुजाण.
 
-माया दीपक नर पतंग, भ्रमि भ्रमि इवै पडंत.
कहै कबीर गुरु ज्ञान थें, एक आध उबरंत.
 
-जाका गुर भी अंधला, चेला खरा निरंध.
अंधे अंधा ठेलिया, दून्यूं कूप पडंत.
 
-सतगुरु बपुरा क्या करै, जे सिषही मांहे चूक.
भावै त्यूं प्रमोधि ले, ज्यों बंसी बुजाई फूक.
 
-नां गुर मिल्या न सिष भया, लालच खेल्या दाव.
दून्यूं बुड़े धार में, चढ़े पाथर की नाव.
 
-गुरु कृपाल कृपा जब किन्हीं, हिरदै कंवल बिगासा.
भागा भ्रम दसौं दिस सुझ्या, परम जोति प्रकासा.
संकलन : डॉ.छाया मंगल मिश्र  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सावन माह में क्या खाएं और क्या नहीं?

वेट लॉस में बहुत इफेक्टिव है पिरामिड वॉक, जानिए चौंकाने वाले फायदे और इसे करने का तरीका

सावन में रचाएं भोलेनाथ की भक्ति से भरी ये खास और सुंदर मेहंदी डिजाइंस, देखकर हर कोई करेगा तारीफ

ऑफिस में नींद आ रही है? जानिए वो 5 जबरदस्त ट्रिक्स जो झटपट बना देंगी आपको अलर्ट और एक्टिव

सुबह उठते ही सीने में महसूस होता है भारीपन? जानिए कहीं हार्ट तो नहीं कर रहा सावधान

सभी देखें

नवीनतम

फाइबर से भरपूर ये 5 ब्रेकफास्ट ऑप्शंस जरूर करें ट्राई, जानिए फायदे

सावन में नॉनवेज छोड़ने से शरीर में आते हैं ये बदलाव, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खाते? क्या है आयुर्वेदिक कारण? जानिए बेहतर विकल्प

हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होता आइस बाथ, ट्रेंड के पीछे भागकर ना करें ऐसी गलती

विश्व जनसंख्या दिवस 2025: जानिए इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम

अगला लेख