बारिश के मौसम पर कविता : वर्षा रानी की सौगातें

डॉ. रामकृष्ण सिंगी
बादलों से उतरी झमाझम बौछार से।
अंबर से धरती पर बरसते प्यार से।
प्रकृति के हरियालिवी श्रृंगार से।  
गुदगुदाती पवन के संग नशीली फुहार से।
कौन है जिसका न झूम जाए मन ।1।
 
नदियां व झील, सरोवर लगे भरने।
नया जीवन पा उमंग उठे झरने।
झूम उठे सब वृक्ष-लता नहा धोकर,
पक्षियों के दल लगे गुंजन करने।
प्रकृति का हर ओर-छोर आनंद मगन।2। 
 
नए अंकुर खेतों का श्रृंगार करें।
कृषक मन में नई उमंगे उभरें।
मौसम की अनुकूलताओं के वरदानों से 
मनकामनाओं की पूर्ति की फसलें लहरें।
वर्षा रानी की सौगातों से बिखरा चहुं ओर नया जीवन।3। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन्फ्लेमेशन बढ़ने पर शरीर में नजर आते हैं ये लक्षण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

आपको डायबिटीज नहीं है लेकिन बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल?, जानिए कारण, लक्षण और बचाव

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जानिए उनके जीवन की रोचक बातें

भोलेनाथ के हैं भक्त तो अपने बेटे का नामकरण करें महादेव के इन सुन्दर नामों पर, सदा मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

क्यों फ्लाइट से ऑफिस जाती है ये महिला, रोज 600 किमी सफर तय कर बनीं वर्क और लाइफ बैलेंस की अनोखी मिसाल

सभी देखें

नवीनतम

रामकृष्ण परमहंस जयंती, जानें उनका जीवन, उल्लेखनीय कार्य और प्रेरक विचार

क्या पीरियड्स से पहले आपको भी लगती है ज्यादा भूख, जानिए कारण

क्या एक वक्त ऐसा भी आएगा जब भारत 'गायब' हो जाएगा?

क्या पुरुषों को महिलाओं से अधिक पानी की होती है जरूरत, जानिए क्या है कारण

क्या शादियों में तेज डीजे के साउंड से आ रहे हैं अटैक? जानिए डीजे की आवाज और हार्ट अटैक में क्या है सम्बन्ध

अगला लेख