हिन्दी कविता : अगर बेटी

रामध्यान यादव 'ध्यानी'
अगर बेटी को सुखी देखना चाहते हैं, तो बहू का सम्मान कीजिए।
अगर बीवी से प्यार करते हैं, तो बहन को स्वीकार कीजिए।
अगर मां की ममता चाहते हैं, तो कन्या का दान कीजिए।
अगर यह सब सही है, तो बेटी पैदा कर स्वयं पर अभिमान कीजिए।
 
नोट : एक बेटी ही है, जो कि हर रूप में हमारे साथ रहती है। बेटियों से भी मेरा निवेदन है कि वे भी अपनी जड़ें स्वयं न खोदें, क्योंकि वे ही सृष्टि की आधारशिला हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

जानिए कैसे मंगोल शासक अल्तान खान की वजह से शुरू हुई थी लामा परंपरा? क्या है दलाई लामा का इतिहास

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

ग्लूटाथियोन बढ़ाने के लिए इंजेक्शन या दवाइयां खाने से बेहतर है खाएं ये फल और सब्जियां, जानें कुदरती उपाय

सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय

सिरदर्द से तुरंत राहत पाने के लिए पीएं ये 10 नैचुरल और स्ट्रेस बस्टर ड्रिंक्स

सभी देखें

नवीनतम

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

खाली पेट पेनकिलर लेने से क्या होता है?

बेटी को दीजिए ‘इ’ से शुरू होने वाले ये मनभावन नाम, अर्थ भी मोह लेंगे मन

चातुर्मास: आध्यात्मिक शुद्धि और प्रकृति से सामंजस्य का पर्व

कॉफी सही तरीके से पी जाए तो बढ़ा सकती है आपकी उम्र, जानिए कॉफी को हेल्दी बनाने के कुछ स्मार्ट टिप्स

अगला लेख