इंदौर पर कविता : जय जय इंदौर

डॉ. किसलय पंचोली
मेरा, तेरा, अपना, सबका;
यह है इंदौर, जय जय इंदौर! 
 
1) सुहानी जलवायु औ मालव माटी में,
बो धीरज, आशा, सहनशीलता या संतोष;
सदियों से हरियाला ‘भाई-चारा’ उपजाता इंदौर!
 
2 ) मेहमाननवाजी औ खान-पान में,
हो जलेबी-पोहा, दाल-बाफले या लाडू-चूरमा;
चहुँ ओर नमकीन स्वाद का जादू चलाता इंदौर!
 
3) ललित कलाओं औ रचनात्मक सृजन में,
हो साहित्य, संगीत, क्रीड़ा, नृत्य  या चित्रांकन;  
सब छोर बहुआयामी प्रतिभा दर्शाता इंदौर!
 
 
4) दिवस औ उत्सव प्रियता में,
हो गणेश, ताजिया, ओणम,  छठ या दुर्गा पूजा; 
जन-जन में एक-सी उमंग थिरकाता इंदौर!
 
5)मां देवी अहिल्या की नगरी में,
हो संग मराठी, बंगाली, मलयाली, पंजाबी या गुजराती;
सब अंचल से हिल-मिल ‘लघु भारत’ झलकाता इंदौर!
 
मेरा, तेरा, अपना, सबका; 
यह है इंदौर, जय जय इंदौर!

सम्बंधित जानकारी

Show comments

इस चाइनीज सब्जी के आगे पालक भी है फैल! जानें सेहत से जुड़े 5 गजब के फायदे

आइसक्रीम खाने के बाद भूलकर भी न खाएं ये 4 चीज़ें, सेहत को हो सकता है नुकसान

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

लू लगने से आ सकता है हार्ट अटैक, जानें दिल की सेहत का कैसे रखें खयाल

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

AC का मजा बन जाएगी सजा! ये टेंपरेचर दिमाग और आंखों को कर देगा डैमेज, डॉक्टरों की ये सलाह मान लीजिए

गर्मी में फलों की कूल-कूल ठंडाई बनाने के 7 सरल टिप्स

घर में नहीं घुसेगा एक भी मच्छर, पोंछे के पानी में मिला लें 5 में से कोई एक चीज

क्या कभी खाया है केले का रायता? जानें विधि

जीने की नई राह दिखाएंगे रवींद्रनाथ टैगोर के 15 अनमोल कथन

अगला लेख