मां पर कविता : क्या है मां

Webdunia
अथर्व पंवार 
 
अपने उजाले से जो पूरा संसार प्रकाशमय कर दे 
वह भोर की पहली किरण है मां 
 
गर्मी के थपेड़ों से भरी राह में 
पेड़ की शीतल छांव है मां 
 
जिस भू पर महकते फूल हैं 
उस धरा की माटी है मां 
 
किसी मरते वृक्ष को जीवित कर दे 
वह फूटती कोपल है मां 
 
अन्धकार में जो राह बताए 
वह पूर्णिमा की चांदनी है मां
 
पतझड़ जीवन में जो वसंत लाए
ऐसा एक व्यक्तित्व है मां  
 
समुद्र के तूफान की उत्तुंग लहरों में 
दृढ़ से डटी नाव है मां
 
जीवन के इस महासंग्राम में 
लक्ष्यपूर्ति की विजयपताका है मां....

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

कच्चे दूध के साथ इस चीज को मिलाकर तैयार करें फेस पैक, पार्लर से बेहतर मिलेंगे रिजल्ट

लहसुन और प्याज खाने के फायदे

मिस वर्ल्ड 2025 के ताज से जुड़ी ये 7 बातें जो बनातीं हैं इसे बहुत खास, जानिए क्राउन कीमत से लेकर हर डीटेल

विकास दिव्यकीर्ति सर की पसंदीदा ये 4 किताबें बदल सकती हैं आपकी जिंदगी!

कौन हैं भारतीय नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारी जिन्होंने 8 महीनों में तय किया 50,000 किलोमीटर का समुद्री सफ़र, प्रधानमंत्री ने की सराहना

अगला लेख