हिन्दी कविता : रोक दो टोक दो

आरती चित्तौडा
रोक दो, टोक दो हर उस इंसान को 
घूम रहा गलियों में, जो बिना लगाए मास्क को
झिझक का बंधन तोड़ दो
स्टेट्‍स को छोड़ दो 
रोक दो टोक दो
बचाओ अपने आपको, अपने आसपास वालों को
दौर कठिन है संभल जाओ
जीवन का आधार, बना लो मास्क को
रोक दो टोक दो
नारी हो, पुरुष हो, बच्चा हो, बूढ़ा हो,
ना करो लिहाज, हो जाए तो होने दो शर्म से लाल 
पहनेगा मास्क तो बचेगी जिंदगी
उसे रोक, दो टोक दो,
गांव की पगडंडियों पर, शहर की सड़कों पर, 
हाईवे पर चलने वाले हर उस शख्स को,
कह दो! भाई मेरे, मास्क लगा लें, रख ले दो गज दूरी 
मास्क है अब हम सबके लिए जरूरी
रोक दो, टोक दो। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन

वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

क्या आपका बच्चा भी चूसता है अंगूठा तो हो सकती है ये 3 समस्याएं

अगला लेख