तीन तलाक पर हिन्दी कविता...

डॉ. रामकृष्ण सिंगी
सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन के प्रकाश में,
खोला है सुधारों का यह द्वार हमने।
अनेक जागरूक देशों की सुधार की पहल को,
किया है सहर्ष अंगीकार हमने।।1।।
 
कितनी निरीह अबलाओं, परित्यक्ताओं, रंजजदाओं,
की सुनी है कातर, करुण, हृदयदाही पुकार हमने।
धर्म, वर्ग, संप्रदाय, रूढ़ि, अंधविश्वासों से ऊपर उठकर,
मानवीय न्याय को दी है रफ्तार हमने।।2।।
 
दकियानूसी सोच, निहित स्वार्थ,
व्यवस्थाओं के दूषित रूपांतरणों को
किया है शालीनता से दरकिनार हमने।
एक साहसिक पहल से (अनगिनत अबलाओं की दुआओं के साथ),
आगामी पीढ़ियों पर किया है उपकार हमने।।3।।
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

हड्डियों की मजबूती से लेकर ब्लड शुगर कंट्रोल में बहुत फायदेमंद है व्रत में खाई जाने वाली ये चीज, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग

केमिकल फ्री स्किन चाहते हैं तो इस नैचुरल फेस मास्क को आजमाएं, भूल जाएंगे पार्लर के महंगे ट्रीटमेंट

सफेद बालों को नेचुरली काला करने के लिए बहुत असरदार है ये DIY नुस्खे

पीरियड के फ्लोर और कलर से समझ आती है फर्टिलिटी की सेहत, जानिए पीरियड हेल्थ से जुड़ी जानकारी

इस डिटॉक्स ड्रिंक को पीने से खिल उठेगा चेहरा, अंदर से महसूस होगी ताज़गी

सभी देखें

नवीनतम

इन 6 तरह के लोगों को गलती से भी नही खाना चाहिए ये खट्टा फल, हो सकती है हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या

क्या नवजात को पीलिया होने पर धूप में लिटाना है सही, जानिए ये फैक्ट है या मिथ

ऑफिस जाने से पहले इन 5 मिनट की स्ट्रेचिंग से मिलेगी दिन भर के लिए भरपूर एनर्जी, आप भी करके देखिये

2025 में क्या है विमेंस डे की थीम? जानिए 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है ये दिन?

क्या डायबिटीज के पेशेंट खा सकते हैं केला, ये पढ़े बिना आपकी जानकारी है अधूरी

अगला लेख