वसंत की मोहक कविता : होकर मगन आया है वसंत

Webdunia
- विवेक हिरदे
 
गाओ सखी होकर मगन आया है वसंत
राजा है ये ऋतुओं का आनंद है अनंत।
 
पीत सोन वस्त्रों से सजी है आज धरती
आंचल में अपने सौंधी-सौंधी गंध भरती।
 
तुम भी सखी पीत परिधानों में लजाना,
नृत्य करके होकर मगन प्रियतम को रिझाना।
 
सीख लो इस ऋतु में क्या है प्रेम मंत्र
गाओ सखी होकर मगन आया है वसंत।
 
राजा है ऋतुओं का आनंद है अनंत
गाओ सखी होकर मगन आया है वसंत।
 
नील पीत वातायन में तेजस प्रखर भास्कर
स्वर्ण अमर गंगा से बागों और खेतों को रंगकर।
 
स्वर्ग सा गजब अद्भुत नजारा बिखेरकर
लौट रहे सप्त अश्वों के रथ में बैठकर।
 
हो न कभी इस मोहक मौसम का अंत
गाओ सखी होकर मगन आया है वसंत।
 
राजा है ऋतुओं का आनंद है अनंत
गाओ सखी होकर मगन आया है वसंत।

ALSO READ: वासंती कविता : आओ बसंत

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रोम-रोम में राम बसे, भक्ति में डूबे इन शुभकामना संदेशों को भेज कर मनाएं राम जन्मोत्सव

अपने भीतर के राम को पहचानिए! गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

इन लोगों के लिए वरदान है कुट्टू का आटा, ग्लूटेन-फ्री होने के साथ और भी हैं कई फायदे

क्या गर्मियों में गुड़ खाने से सेहत को होता है नुकसान, डाइट में शामिल करने से पहले जान लें

गर्मियों में अमृत के समान है गोंद कतीरा का सेवन, जानिए क्या हैं फायदे

सभी देखें

नवीनतम

गर्मी में वैक्सिंग के बाद निकल आते हैं दाने, राहत दिलाएंगे ये नुस्खे

क्या पीरियड्स के दौरान कच्चे आम खाने से होता है नुकसान, जानिए सच्चाई

गैरजरूरी को तोड़ना और जरूरी को बचा लेने का प्रयास बताती है किताब विहान की आहट

वर्ल्ड हेल्थ डे 2025: अपनों को भेजें सेहत से जुड़े ये खास कोट्स, स्लोगन और शुभकामना संदेश

7 अप्रैल वर्ल्ड हेल्थ डे: जानें इतिहास, 2025 की थीम और स्वस्थ रहने की 10 खास बातें

अगला लेख