Motivational Story | शक्तिसंचय ही सफलता की धुरी

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020 (11:20 IST)
यह कहानी उन लोगों के लिए है जो अपनी जिंदगी में किसी कारणवश किसी भी मोर्चे पर हार गए हैं। कहते हैं कि हारना ही जीत की नई राह को खोल देता है लेकिन कुछ लोग निराश हो जाते हैं और प्रयास करना छोड़ देते हैं जबकि जो लगातार लगा रहता है वह एक न एक दिन जीत जाता है।
 

स्कॉटलैंड का सम्राट ब्रूस अभी गद्दी पर बैठा भी नहीं था कि दुश्मनों का आक्रमण हो गया। हारते-हारते बचा और उसने पुन: सेना को व्यवस्थित किया, लेकिन फिर जब कई राजाओं ने मिलकर उस पर हमला किया तो राजगद्दी फिर छिन गई।
 
 
इसके बाद लगातार चौदह बार उसने राजगद्दी पाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहा। उसके सैनिक भी उसके भाग्य को कोसने लगे और उसे छोड़कर जाने लगे।
 
 
निराश ब्रूस एक दिन एक खंडहर में बैठा था। उसने देखा एक मकड़ी हवा में उड़कर एक दूसरे पेड़ की टहनी से जोड़कर जाला बनाने का प्रयास कर रही थी। मकड़ी खंडहर में थी, पेड़ बाहर था। जाला हर बार टूट जाता था फिर भी मकड़ी शक्तिसंचय कर पुन: कार्य में लग जाती। बीस बार प्रयास किया, लेकिन हर बार जाला टूट गया। 21वीं बार में वह सफल हो गई।
 
 
ब्रूस उछलकर खड़ा हो गया और खुद से बोला- अभी तो सात अवसर मेरे लिए भी बाकी हैं। हिम्मत क्यों हारू? पूरी शक्ति लगाकर सेना के साथ उसने फिर हमला किया और सभी दुश्मनों को उसने परास्त कर डाला एवं पुन: सम्राट बन गया।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

लहसुन और प्याज खाने के फायदे

मिस वर्ल्ड 2025 के ताज से जुड़ी ये 7 बातें जो बनातीं हैं इसे बहुत खास, जानिए क्राउन कीमत से लेकर हर डीटेल

विकास दिव्यकीर्ति सर की पसंदीदा ये 4 किताबें बदल सकती हैं आपकी जिंदगी!

कौन हैं भारतीय नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारी जिन्होंने 8 महीनों में तय किया 50,000 किलोमीटर का समुद्री सफ़र, प्रधानमंत्री ने की सराहना

औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया इतिहास

अगला लेख