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Ayodhya Dhwajarohan Utsav: अयोध्या राम मंदिर के धर्म ध्वज की विशेषताएं

WD Feature Desk
मंगलवार, 25 नवंबर 2025 (11:48 IST)
Ayodhya Dhwajarohan Utsav: अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर 25 नवंबर 2025 को ध्वजारोहण का भव्य समारोह आयोजित किया गया है। यह आयोजन मंदिर निर्माण की पूर्णता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ध्वजारोहण कर रहे हैं। सनातन धर्म के लिए यह ऐतिहासिक पल है। श्रीराम और सीता जी के विवाह की एनिवर्सरी के दिन यानी विवाह पंचमी के दिन अभिजीत मुहूर्त में यह ध्वजा रोहण किया जा रहा है। जानें ध्वज की विशेषताएं। 
अयोध्या राम मंदिर के धर्म ध्वज की विशेषताएं:-
आकार: 22 X 11 फीट की लंबाई और चौड़ाई वाला होगा।
सामग्री: विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से निर्मित।
क्षमता: तीनों मौसम के साथ तेज हवा झेलने में सक्षम।
रंग: ध्वज का रंग केसरिया होगा जो धर्म, त्याग और साहस का प्रतीक है।
 
चिन्ह: धर्म ध्वज पर निम्नलिखित 3 तीन चिन्ह अंकित होंगे:-
1. सूर्य- सूर्यवंश का प्रतीक
2. ॐ- सृष्टि का मूल
3. कोविदार वृक्ष (कचनार)- इक्ष्वाकु वंश का राजचिन्ह
धर्म ध्वज:-
ध्वज को मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर लगे 44 फीट ऊंचे ध्वजदंड पर फहराया जाएगा।
ध्वजदंड 360 डिग्री घूमने वाले चैम्बर में स्थापित है।
ध्वज का वजन करीब 11 किलोग्राम है।

ध्वजा रोहण की खास बातें:
तिथि और पर्व: 25 नवंबर 2025 इस दिन विवाह पंचमी का पर्व है, जिसे भगवान राम और माता सीता के विवाह की तिथि माना जाता है।
शुभ मुहूर्त: ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा। यह मुहूर्त सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा। माना जाता है कि भगवान राम का जन्म भी अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था, इसलिए यह समय अत्यंत शुभ है।
 
ध्वजारोहण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के शिखर पर भगवा (केसरिया) धर्म ध्वज फहराया। ध्वजारोहण रिमोट सिस्टम से किया गया, जिसके लिए मैनुअल और इलेक्ट्रिक दोनों व्यवस्थाएं थीं।
ध्वज की विशेषताएँ:
  • ध्वज का रंग केसरिया है, जो त्याग, तप और ऊर्जा का प्रतीक है।
  • ध्वज की लंबाई लगभग 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है।
  • इस पर तीन विशेष प्रतीक अंकित हैं, जिनका धार्मिक महत्व है:
  • ॐ: सनातन धर्म का शुभ प्रतीक और सभी देवताओं का संयुक्त रूप।
  • सूर्य: भगवान राम के सूर्यवंशीय होने का प्रतीक।
  • कोविदार वृक्ष: यह चिन्ह रामराज्य के ध्वज में अंकित राजचिन्ह माना जाता है और इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है।
 
आयोजन का महत्व
मंदिर की पूर्णता: शिखर पर ध्वज फहराना इस बात का संकेत है कि मंदिर का निर्माण अब पूर्ण हो चुका है।
दिव्य संरक्षण: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, मंदिर के शिखर पर फहराया गया ध्वज देवी-देवताओं की उपस्थिति और दिव्य संरक्षण का प्रतीक होता है।
रामराज्य का संदेश: यह ध्वजारोहण अयोध्या के सूर्यवंश और रघुकुल की महान परंपराओं का साक्षी बनेगा और संसार को रामराज की पुनर्स्थापना का संदेश देगा।
ध्‍वजारोहण के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत आदित्यनाथ योगी, सरसंघचालक मोहन भागवत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण के बाद लोगों को संबोधित भी किया।

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