ऑस्ट्रेलिया पर गोल दागने वाली गुरजीत कौर है किसान की बेटी, बोर्डिंग स्कूल से ही था हॉकी का शौक

Webdunia
सोमवार, 2 अगस्त 2021 (22:23 IST)
जालंधर: भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार प्लेयर गुरजीत कौर ने टोक्यो ओलंपिक में नया इतिहास रच दिया है। गुरजीत कौर के गोल से भारत की महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में सबको चौंकाते हुए ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में कदम रख दिया है।
 
जालंधर के प्रसिद्ध लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन की स्टूडेंट रही और अमृतसर के मियादी कलां गांव की रहने वाली 25 साल की गुरजीत के परिवार का हॉकी से कुछ लेना-देना नहीं था। गुरजीत कौर मूल रूप से अमृतसर की रहने वाली है, लेकिन खेलों का मक्का माने जाने वाले जिला जालंधर से उसका खास नाता रहा है। वह जालंधर के प्रसिद्ध लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन की स्टूडेंट रही है। गुरजीत कौर ने इस कॉलेज में बीए आर्ट्स में दाखिला लिया था और करीब 5 वर्षों तक कॉलेज की अकादमी में खेलती रही है।

उनके पिता सतनाम सिंह के लिए तो बेटी की पढ़ाई ही सबसे पहले थी। गुरजीत और उनकी बहन प्रदीप ने शुरुआती शिक्षा गांव के पास के निजी स्कूल से ली। इसके बाद वे तरनतारन के कैरों गांव में एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने गई। यहीं हॉकी के लिए उनका लगाव शुरू हुआ। वे लड़कियों को हॉकी खेलते देख प्रभावित हुई और उन्होंने इसमें हाथ आजमाने का फैसला किया।
 
दोनों बहनों ने जल्द ही खेल में महारत हासिल की और छात्रवृत्ति भी पाई। इसने उन्हें मुफ्त स्कूली शिक्षा और बोर्डिंग मिला। इसके बाद गुरजीत कौर ने जालंधर के लायलपुर खालसा कॉलेज से ग्रेजुएशन की। गुरजीत ने इस कॉलेज में बीए आर्ट्स में दाखिला लिया था और करीब 5 साल तक कॉलेज की अकादमी में वे खेलती रही है।
 
कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. नवजोत ने बताया कि कॉलेज को आज बहुत मान महसूस हो रहा है कि उनकी छात्रा ने ओलंपिक में देश का नाम रोशन किया है। अब वाहेगुरु से यही अरदास करते हैं कि भारतीय महिला हॉकी टीम देश के लिए गोल्ड मेडल जीते। महिला हॉकी खिलाड़ियों ने जो कर दिखाया है उससे पूरे कॉलेज में जश्न का माहौल बन गया है। कॉलेज की छात्राएं भी बहुत गर्व महसूस कर रही हैं।
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A goal that will go in the history books! 

Watch Gurjit Kaur's brilliant drag flick that led #IND to a 1-0 win over #AUS in an epic quarter-final #Tokyo2020 | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether | #Hockey | #BestOfTokyo pic.twitter.com/MkXqjprLxo

— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 2, 2021 >
डॉ. नवजोत ने कहा कि गुरजीत कौर को हर समय प्रैक्टिस को लेकर जुनून रहता था और उससे कभी छुट्टी कर मैदान नहीं छोड़ा। हर समय खेल अभ्यास को ही प्राथमिकता देती रही। इसी का नतीजा है कि उसने आज टोक्यो ओलंपिक में सबको चौंकाने वाला इतिहास रच दिया है।

कॉलेज के हॉकी कोच कुलबीर सिंह सैनी ने कहा कि बहुत मान महसूस हो रहा है कि उनसे कोचिंग लेने वाली गुरजीत कौर ने आज देश का नाम ओलंपिक में चमकाया है। गुरजीत कौर अब तक करीब 53 इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं। वह उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) प्रयागराज में सीनियर क्लर्क के पद पर तैनात है।(वार्ता)
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