इंदौर में बढ़ते अपराध, छेड़छाड़ की घटनाएं, चाकुबाजी, चेन और मोबाइल स्नैचिंग जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अब इंदौर पुलिस ने एक नया तरीका ईजाद किया है। पुलिस अब इंदौर के ऐसे इलाकों की निगरानी ड्रोन कैमरे से करेगी, जहां अपराधी ज्यादा सक्रिय हैं या जो इलाके अपराधिक गतिविधियों को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं।
6 नवंबर से लागू हो जाएगी व्यवस्था : बता दें कि यह नई व्यवसथा 6 नवंबर से लागू हो जाएगी। पुलिस टीमें हॉटस्पॉट, सुनसान इलाकों और तंग गलियों में ड्रोन से निगरानी कर असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करेगी। जिससे रियल-टाइम जानकारी से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जा सके। बता दें कि जोन 02 व 03 में पुलिस टीमों ने अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ड्रोन से सघन पेट्रोलिंग और चेकिंग की। इस दौरान टीमों ने तंग गलियों और मोहल्लों में भी ड्रोन से बारीकी से निगरानी की और कई संदिग्धों से पूछताछ भी की गई।
कमिश्नर के आदेश पर लागू हुई नई व्यवस्था : शहर में बढ़ते अपराध पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। इन अपराधों पर लगाम लगाने और पुलिसिंग को और ज्यादा चुस्त-दुरुस्त करने के लिए ड्रोन की यह नई व्यवस्था शुरू की है। पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने असामाजिक तत्वों और बदमाशों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए ड्रोन का उपयोग करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था तुरंत और प्रभावी तरीके से लागू की जाए ताकि शहर को अपराध मुक्त किया जा सके।
कहां कहां नजर रखेगा ड्रोन : पुलिस कमिश्नर के मुताबिक इस कदम का मुख्य उद्देश्य अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण पाना है। शहर के कई 'हॉटस्पॉट' व 'शैडो एरिया' (अंधेरे या सुनसान इलाके) ऐसे हैं, जहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। इन क्षेत्रों में पारंपरिक पेट्रोलिंग के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि ज्यादातर अपराध सुनसान इलाकों में, गलियों में और कुछ आउटर इलाकों में हो रहे हैं।
ये स्थान संवेदनशील : ड्रोन की मदद से पुलिस का फोकस विशेष रूप से उन स्थानों पर होगा, जहां अवैधानिक गतिविधियों की आशंका सबसे अधिक होती है। इनमें सुनसान इलाके, शराब की दुकानें, पान/सिगरेट की गुमटियों के आसपास के क्षेत्र, खाली मैदान और गार्डन शामिल हैं। ड्रोन के माध्यम से इन सभी जगहों पर पैनी नजर रखी जा रही है। पुलिस कमिश्नरेट की टीमों का मानना है कि ड्रोन पेट्रोलिंग से संदिग्ध व्यक्तियों और उनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा सकती है। इससे पुलिस को रियल-टाइम जानकारी मिलेगी।Edited By: Navin Rangiyal