तुर्किए भूकंप : जीवित लोगों की तलाश में NDRF के 6 ट्रेंड डॉग ने मशीनों को भी पीछे छोड़ा

Webdunia
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023 (23:14 IST)
नई दिल्ली। भूकंप प्रभावित तुर्किए में तैनात राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 6  श्वान मलबे के नीचे फंसे लोगों की तलाश में ‘बेहद प्रभावी’ साबित हुए हैं। इतना ही नहीं, अन्य देशों की टीम ने भी श्वानों की सेवाएं ली हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है।
 
एनडीआरएफ अपनी दो टीम को गाजियांटेप से तुर्किए के भूमध्यसागरीय तट स्थित हताय भेजने की प्रक्रिया में है क्योंकि गाजियांटेप में मलबे में दबे लोगों के अब जीवित बचे होने की संभावना लगभग न के बराबर है। एनडीआरएफ की तीसरी टीम पहले से ही हताय में है।
 
तुर्किए और पड़ोसी सीरिया में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप ने 35,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और बचावकर्ताओं को डर है कि मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि चमत्कारों के बावजूद जीवन की उम्मीद तेजी से फीकी पड़ रही है।
 
एनडीआरएफ के कमांडिंग ऑफिसर गुरमिंदर सिंह ने बताया कि तुर्किए ऑपरेशन के दौरान हमारे प्रशिक्षित श्वान बहुत प्रभावी साबित हुए हैं। किसी को मलबे से बचाने के तीन तरीके होते हैं- भौतिक तरीके से या मानवीय साधनों के माध्यम से, उपकरण के माध्यम से तकनीकी खोज और प्रशिक्षित श्वान के सहयोग से। 
 
गुरमिंदर सिंह ने तुर्किए के गाजियांटेप प्रांत के नूरदागी से फोन पर ‘पीटीआई ’ को बताया, "हमने पाया कि तकनीकी उपकरण, भारी मशीनरी, लाइफ डिटेक्टर और भूकंपीय सेंसर जान बचाने में उतने कारगर साबित नहीं हुए हैं, जहां कई इमारतें भूकंप के कारण ध्वस्त हो गयी हैं और चारों ओर अराजकता है।"
 
उन्होंने कहा कि हमारे प्रशिक्षित श्वान को संभालना काफी आसान है और वे आक्रामक नहीं होते हैं। श्वान ने इस ऑपरेशन के दौरान अपने प्रशिक्षण से सब कुछ साबित कर दिया है और हमारे बचाव दल को उन विशिष्ट क्षेत्रों की तलाश में मदद की है जहां जीवन बचे होने की उम्मीद हो सकती है।
 
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ के श्वान दस्तों और उनके संचालकों को तुर्किए अग्निशमन विभाग की बचाव टीम को सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध कराया गया था और इनके बारे में कहा जाता है कि एनडीआरएफ के श्वान दस्तों की मदद से "एक या दो जीवित पीड़ितों" को बचाया जा सका।
 
कमांडेंट सिंह ने कहा कि अपने अंतरराष्ट्रीय अभियान पर पहली बार गयी बल की पांच महिलाकर्मी अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं और उन्होंने कुछ स्थानों पर प्रभावित महिलाओं की सहायता की है।
 
अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ की तीनों टीम 16-17 फरवरी तक लौट सकती हैं क्योंकि मलबे में दबे लोगों को खोजने का काम लगभग पूरा हो चुका है, हालांकि अंतिम निर्णय तुर्की के अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा और राजनयिक चैनल के माध्यम से भारत सरकार को सूचित किया जाएगा। भाषा Edited By : Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments

UP : आगरा में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी, 30 करोड़ बरामद

Swati Maliwal Case : स्वाति मालीवाल बोली- एक गुंडे के दबाव में झुकी AAP, अब मेरे चरित्र पर सवाल उठा रही है

छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्‍या, फांसी पर लटका मिला एक अन्‍य शव

कोर्ट ने क्यों खारिज की विभव कुमार की जमानत याचिका, बताया कारण

अमेठी में इस बार आसान नहीं है केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह

UP : आगरा में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी, 30 करोड़ बरामद

Swati Maliwal Case : स्वाति मालीवाल बोली- एक गुंडे के दबाव में झुकी AAP, अब मेरे चरित्र पर सवाल उठा रही है

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्‍या, फांसी पर लटका मिला एक अन्‍य शव

Lok Sabha Elections 2024 : दिल्ली की जनसभा में क्यों भावुक हो गए PM मोदी, देश की 140 करोड़ जनता को बताया अपना वारिस

अगला लेख