भक्तामर-स्तोत्र

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भक्तामर-स्तोत्र के विभिन्न मंत्रों की लिंक यहाँ दी गई हैं। आपको जिस मंत्र का जाप करना है उसकी लिंक पर क्लिक करें :-

ऋद्धि-सिद्धि एवं संपदा प्राप्ति हेतु
नजरबंदी एवं दृष्टिदोष हेतु
दृष्टि के दोष दूर करने हेतु
पानी के उपद्रव नष्ट
नेत्ररोग दूर करने हेतु
सरस्वती साधना एवं बुद्धि शक्ति में उपयोगी हेतु
सर्प का जहर दूर करने हेतु
घाव की पीड़ा नष्ट करने हेतु
चोरी या डाके का उपद्रव दूरकरने हेतु
वाद-विवाद में विजय, शत्रु का पराभव हेतु
गुम हुई चीज या व्यक्ति वापस पाने हेतु
आकर्षण, वशीकरण में उपयोगी हेतु
चोर का भय दूर करने हेतु
बुद्धि, स्मरणशक्ति तीव्र बनाने हेतु
शक्ति एवं सौभाग्य बढ़ाने हेतु
अग्नि का भय दूर करने हेतु
उदर-रोग दूर करने हेतु
धर्म में स्थिरता प्राप्त करने, भय दूर करने हेतु
आजीविका प्राप्ति हेतु
पुत्र प्राप्ति, सौभाग्य बढ़ाने हेतु
स्वजन वगैरह आकर्षित/वशवर्ती करने हेतु
प्रेतबाधा वगैरह दूर करने हेतु
शरीर रक्षा करने हेतु
मस्तक के रोग मिटाने हेतु
अग्नि का भय दूर करने, तप्त पदार्थ शीतल बनाने हेतु
प्रणांत कष्ट दूर करने हेतु
शत्रु का डर दूर करने हेतु
सुख-सौभाग्य बढ़ाने, उच्च पदवी प्राप्त करने हेतु
जहर दूर करने हेतु
प्रवास के दौरान आने वाले भय टालने
सुख-साहबी, अभ्युदय पाने हेतु
उदर पीड़ा रोग दूर करने हेतु
सर्व ज्वर नाशक है यह पाठ
गर्व रक्षक पाठ
दुर्भिक्ष, चोरी, मिरगी आदि का निवारण करने हेतु
धन एवं सौभाग्य प्राप्त करने हेतु
शत्रुता दूर करने हेतु
हाथी-सर्प वगैरह वश करने हेतु
सिंह, बाघ वगैरह हिंसक पशुओं का भय टालने हेतु
अग्नि का भय दूर करने हेतु
सभी तरह के जहर का भय दूर करने हेतु
सभी तरह के भय टालने, शत्रु को वश में करने हेतु
विजय प्राप्त करने हेतु
समुद्र का भय दूर करने हेतु
रोग-व्याधि सभी दूर करने हेतु
बंधनों से मुक्ति हेतु
सभी दिशाओं में विजय प्राप्त करने हेतु
लक्ष्मी, संपत्ति व सुख प्राप्त करने हेतु

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