पर्युषण 2025: दिगंबर जैन समाज के दसलक्षण महापर्व पर होगी 10 धर्म की आराधना

WD Feature Desk
गुरुवार, 28 अगस्त 2025 (16:57 IST)
Daslakshan Mahaparv 2025: दिगंबर जैन समाज का दसलक्षण महापर्व 28 अगस्त 2025 से शुरू हो गए हैं त‍था ये पर्व 6 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस महापर्व को पर्युषण पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो आत्मा की शुद्धि और आत्म-साधना के लिए समर्पित है। इसमें दस श्रेष्ठ गुणों की आराधना की जाती है।ALSO READ: जैन पर्युषण पर्व पर भेजें ये सुंदर 10 स्टेटस
 
दसलक्षण महापर्व का महत्व: यह पर्व जैन धर्म में आध्यात्मिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। पर्युषण शब्द 'परि' (चारों ओर से) और 'उषन' (रहना) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है अपनी आत्मा में रहना या आत्मा के निकट होना। दसलक्षण पर्व दस दिनों तक चलता है, जिसमें हर दिन एक विशेष धर्म का पालन किया जाता है।
 
जानें दसलक्षण के दस धर्म: 
ये दसों धर्म जैन मुनियों और गृहस्थों दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनका पालन कर वे अपने जीवन में आत्म-शुद्धि और शांति प्राप्त कर सकते हैं। दसलक्षण महापर्व के दौरान जिन दस धर्मों की आराधना की जाती है, वे इस प्रकार हैं:ALSO READ: पर्युषण महापर्व 2025 के शुभ अवसर पर अपनों को भेजें ये 10 शुभकामना संदेश
 
• उत्तम क्षमा: मन से क्रोध का त्याग करना।
 
• उत्तम मार्दव: अभिमान का त्याग कर विनम्रता को अपनाना।
 
• उत्तम आर्जव: छल-कपट छोड़कर मन, वचन और कर्म में सरलता लाना।
 
• उत्तम सत्य: हमेशा सच बोलना।
 
• उत्तम शौच: लोभ से मुक्त होकर मन और शरीर की पवित्रता बनाए रखना।
 
• उत्तम संयम: इंद्रियों और मन को नियंत्रित करना।
 
• उत्तम तप: इच्छाओं को नियंत्रित करने के लिए तपस्या और उपवास करना।
 
• उत्तम त्याग: बाहरी वस्तुओं और आसक्तियों का त्याग करना।
 
• उत्तम आकिंचन्य: सांसारिक संपत्ति के प्रति मोह न रखना।
 
• उत्तम ब्रह्मचर्य: शारीरिक और मानसिक शुद्धता का पालन करना।

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