✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
श्री हनुमद अष्टकम्
Webdunia
गुरुवार, 30 सितम्बर 2021 (14:58 IST)
हनुमानजी पर एक तो हनुमान अष्टक तुलसीदासजी ने अवधी भाषा में लिखा है। इसे संकटमोचन हनुमान अष्टक कहते हैं। परंतु यहां पर संस्कृत में लिखे गए 2 श्री हनुमदष्टकम् को पढ़ें। कहते हैं कि इसे पढ़ने से चमत्कारिक लाभ मिलता है।
|| श्री हनुमदष्टकम् ||
|| Shri Hanumad Ashtakam ||
श्रीरघुराजपदाब्जनिकेतन पंकजलोचन मंगलराशे
चंडमहाभुजदंड सुरारिविखंडनपंडित पाहि दयालो ।
पातकिनं च समुद्धर मां महतां हि सतामपि मानमुदारं
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 1 ॥
संसृतितापमहानलदग्धतनूरुहमर्मतनोरतिवेलं
पुत्रधनस्वजनात्मगृहादिषु सक्तमतेरतिकिल्बिषमूर्तेः ।
केनचिदप्यमलेन पुराकृतपुण्यसुपुंजलवेन विभो वै
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 2 ॥
संसृतिकूपमनल्पमघोरनिदाघनिदानमजस्रमशेषं
प्राप्य सुदुःखसहस्रभुजंगविषैकसमाकुलसर्वतनोर्मे ।
घोरमहाकृपणापदमेव गतस्य हरे पतितस्य भवाब्धौ
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 3 ॥
संसृतिसिंधुविशालकरालमहाबलकालझषग्रसनार्तं
व्यग्रसमग्रधियं कृपणं च महामदनक्रसुचक्रहृतासुम् ।
कालमहारसनोर्मिनिपीडितमुद्धर दीनमनन्यगतिं मां
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 4 ॥
संसृतिघोरमहागहने चरतो मणिरंजितपुण्यसुमूर्तेः
मन्मथभीकरघोरमहोग्रमृगप्रवरार्दितगात्रसुसंधेः ।
मत्सरतापविशेषनिपीडितबाह्यमतेश्च कथं चिदमेयं
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 5 ॥
संसृतिवृक्षमनेकशताघनिदानमनंतविकर्मसुशाखं
दुःखफलं करणादिपलाशमनंगसुपुष्पमचिंत्यसुमूलम् ।
तं ह्यधिरुह्य हरे पतितं शरणागतमेव विमोचय मूढं
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 6 ॥
संसृतिपन्नगवक्त्रभयंकरदंष्ट्रमहाविषदग्धशरीरं
प्राणविनिर्गमभीतिसमाकुलमंदमनाथमतीव विषण्णम् ।
मोहमहाकुहरे पतितं दययोद्धर मामजितेंद्रियकामं
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 7 ॥
इंद्रियनामकचोरगणैर्हृततत्त्वविवेकमहाधनराशिं
संसृतिजालनिपातितमेव महाबलिभिश्च विखंडितकायम् ।
त्वत्पदपद्ममनुत्तममाश्रितमाशु कपीश्वर पाहि कृपालो
त्वां भजतो मम देहि दयाघन हे हनुमन् स्वपदांबुजदास्यम् ॥ 8 ॥
ब्रह्ममरुद्गणरुद्रमहेंद्रकिरीटसुकोटिलसत्पदपीठं
दाशरथिं जपति क्षितिमंडल एष निधाय सदैव हृदब्जे ।
तस्य हनूमत एव शिवंकरमष्टकमेतदनिष्टहरं वै
यः सततं हि पठेत्स नरो लभतेऽच्युतरामपदाब्जनिवासम् ॥ 9 ॥
इति श्री मधुसूदनाश्रम शिष्याऽच्युतविरचितं श्रीमद्दनुमदष्टकम् ।
-----------------------------------
|| श्री हनुमदष्टकम् ||
वैशाखमास कृष्णायां दशमी मन्दवासरे ।
पूर्वभाद्रासु जाताय मङ्गलं श्री हनूमते ॥१॥
गुरुगौरवपूर्णाय फलापूपप्रियाय च ।
नानामाणिक्यहस्ताय मङ्गलं श्री हनूमते ॥२॥
सुवर्चलाकलत्राय चतुर्भुजधराय च
उष्ट्रारूढाय वीराय मङ्गलं श्री हनूमते ॥३॥
दिव्यमङ्गलदेहाय पीताम्बरधराय च ।
तप्तकाञ्चनवर्णाय मङ्गलं श्री हनूमते ॥४॥
भक्तरक्षणशीलाय जानकीशोकहारिणे ।
ज्वलत्पावकनेत्राय मङ्गलं श्री हनूमते ॥५॥
पम्पातीरविहाराय सौमित्रीप्राणदायिने ।
सृष्टिकारणभूताय मङ्गलं श्री हनूमते ॥६॥
रंभावनविहाराय सुपद्मातटवासिने ।
सर्वलोकैकण्ठाय मङ्गलं श्री हनूमते ॥७ ।
पञ्चाननाय भीमाय कालनेमिहराय च ।
कौण्डिन्यगोत्रजाताय मङ्गलं श्री हनूमत ॥८॥
|| इति श्री हनुमदष्टकम् ||
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
क्या सुंदरकांड का पाठ पूरा एक बार में ही करना चाहिए?
हनुमानजी के 108 नाम, लेकिन जानिए 11 खास नामों का रहस्य
बजरंगबली का यह शुभ मंत्र, साल भर रखेगा स्वस्थ
हनुमानजी को नारियल चढ़ाने के 2 फायदे
जब बादशाह अकबर ने तुलसीदासजी को जंजीरों से बांध दिया तो हनुमानजी ने इस तरह बचाया
Show comments
सभी देखें
ज़रूर पढ़ें
Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ
Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त
Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ
Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?
Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?
सभी देखें
धर्म संसार
Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत
Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्छी होगी या नहीं?
Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा
कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय
Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन
अगला लेख
शारदीय नवरात्रि 2021 : कैसे करें घट या कलश स्थापना, जानिए सरल विधि