बुन्देली बाल कविता : उठ जाओ अब राजा बेटा

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
उठ जाओ अब राजा बेटा, हो गई है स्कूल की बेरा,
चिल्ला-चिल्ला हार गईं बौ, लगा-लगा कें कित्ते टेरा।
 
अम्मा ने तो धरो कलेबा, रोटी-साग एक डिब्बा में,
लडुआ-बेसन के धर दये हैं, जो आये तोरे हिस्सा में।
 
देख बायरे चिल्ला रये हैं, कलुआ के सब छोरी-छोरा,
देखो सूरज कूंद-फांद कें, खिड़की के भीतर आ गओ है।
 
उठो-उठो चिल्ला कें मिट्ठू, टें-टें राम-राम गा रओ है, 
आठ बजे की मोटर आ गई, जा रै है जा हटा पटेरा।
 
परो-परो तें आलस खा रओ, कैंसें ते स्कूले जेहे,
तनक देर में पों-पों करकें, तोरी तो मोटर आ जेहे।
 
बस छूटी तो जो पक्को है, फिर ने लगे दुबारा फेरा,
मोटर छूटी तो तुम जानो, तुमे निगत फिर जाने पर है।
 
तीन मील चलबे में तोखों, तेंईं जान ले भौत अखर है,
लाद-लाद कैसें ले जेहे, बीस किताबों को जो डेरा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वजन घटाने से लेकर दिमाग तेज करने तक, माचा टी है सबका हल

मधुमेह रोगियों को सावन व्रत में क्या खाना चाहिए, जानें डायबिटिक व्रत भोजन की सूची और 6 खास बातें

क्यों आते हैं Nightmares? बुरे सपने आने से कैसे खराब होती है आपकी हेल्थ? जानिए वजह

बारिश के मौसम में बैंगन खाने से क्या होता है?

सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति

सभी देखें

नवीनतम

सिर्फ नौकरी नहीं, उद्देश्यपूर्ण जीवन चुनिए

बारिश के मौसम में आंखों में हो सकती हैं ये 5 गंभीर बीमारियां, जानिए कैसे करें देखभाल

1 चुटकी नमक बन रहा मौत का कारण, उम्र कम होने के साथ बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा

कुत्तों के सिर्फ चाटने से हो सकती है ये गंभीर बीमारी, पेट लवर्स भूलकर भी न करें ये गलती

राजा हरि सिंह पर खान सर की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, जानिए कश्मीर के भारत में विलय की पूरी कहानी

अगला लेख