हिंदी कविता : कटते जाते ढेर पेड़ क्यों ?

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
शुक्रवार, 7 जून 2024 (18:54 IST)
आखिर पर्वत क्या होते हैं,
चट्टानों मिटटी के लौंदे।
कई टोकने रखे गए हों,
तिरछे आड़े,औंधे-औंधे।
 
पेड़ लगे रहते पर्वत पर,
फैली रहती है हरियाली।
दिखते कहीं निकुंज घने से,
कहीं जगह होती है खाली।
कहीं मकोई दिखती फूली,
हंसते दिखते कहीं करोंदे।
 
पेड़ लगे होने से होता,
जल बहाव में बड़ा नियंत्रण।
पेड़ न हों तो जल की धारा,
करती तहस नहस जन जीवन।
कटते जाते ढेर पेड़ क्यों ?
प्रश्न आज फिर मन में कौंधे।
 
पेड़ों की डालों कोटर में,
पंछी अपने नीड़ बनाते।
हंसते-हंसते सारा जीवन,
मस्ती में वे यहीं बिताते।
यहीं कहीं हिंसक पशुओं के,
भी होते हैं बने घरोंदे। 
 
पर्वत पेड़ों की रखवाली,
नहीं रहा क्या धर्म हमारा !
हमने बंगले महल बनाये,
पर्वत जंगल छांटा सारा।
पेड़ बचने की मुहीम में,
सिद्ध हुए सब पंडित, पोंगे।
 
(यहां पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

क्या होता है ग्रे डिवोर्स जिसके जरिए ए आर रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानो हुए अलग, कैसे है ये आम तलाक से अलग?

Sathya Sai Baba: सत्य साईं बाबा का जन्मदिन आज, पढ़ें रोचक जानकारी

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

जीवन की ऊर्जा का मूल प्रवाह है आहार

अगला लेख