फनी कविता : बुलडोजर आता है

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
bulldozer poem 
    
हाथी जैसा भारी भरकम,
जिसका बदन डराता है।
देख सामने धीरे-धीरे,
वह बुलडोजर आता है।
 
खडंग-खडंग का भारी स्वर है।
इस स्वर में भी भर-भर-भर है।
रुक-रुक कर गुर्राता है।
वह बुलडोजर आता है।
 
वह ऊंचा टीला खोदेगा।
सब-सब की मिट्टी ढो देगा।
श्रम का समय बचाता है।
वह बुलडोजर आता है।
 
बुलडोजर क्यों आया भाई?
बात गई सबको समझाई।
जल्दी सडक बनाता है।
वह बुलडोजर आता है।
 
पीछे चलता कुनबा पूरा।
गिट्टी डामर का है चूरा।
रोलर उसे दबाता है।
वह बुलडोजर आता है।
 
सड़क बनेगी चमचम काली।
नागिन-सी लहराने वाली।
हर वाहन फर्राता है।
वह बुलडोजर आता है।


(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वर्कआउट से पहले और बाद में क्या खाएं? जानिए परफेक्ट डाइट प्लान

गर्मी में बेहतरीन स्वादिष्‍ट आम रस कैसे बनाएं, पढ़ें स्टेप बाय स्टेप विधि और खास कुकिंग टिप्स

बेटे को दीजिए ये आकर्षक नाम, व्यक्तित्व पर रहेगा सकारात्मक प्रभाव

100 साल तक चाहते हैं जीना तो तुरंत अपना लें ये 7 आदतें, लंबी उम्र की मिलेगी गारंटी

गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाएगा ये ड्रिंक, जानिए कैसे घर पर आसानी से बनाएं

सभी देखें

नवीनतम

नाश्ते में क्रैनबेरी क्यों खाएं? जानिए 10 बेहतरीन कारण जो इसे बनाते हैं सुपरफूड

जयंती विशेष: वीर सावरकर के 10 प्रेरणादायक नारे जो आज भी रगों में जोश भरते हैं

प्रकृति के सम्मान पर लघु कथा : जल देवता का क्रोध

ऐसे विवाद क्यों

कृत्रिम नहीं मनुष्यों जैसी बौद्धिकता -डॉ. मनोरंजन प्रसाद सिंह

अगला लेख