पिता पर कविता : अच्छे लगते हैं पापा

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
अच्छे लगते हैं पापा,
जब मुस्काते हैं।
अच्छे लगते हैं जब वे,
गुन-गुन गाते हैं।
कभी-कभी जब गुस्सा होते,
नहीं सुहाते।
दीदी को छोटे भैया को,
भी न भाते।
अच्छे लगते हैं जब वे
हंसकर आते हैं।
किसी-किसी दिन मूड ऑफ़ हो,
उनका जाता।
तब तो शीत ऋतु में भी तप,
सूरज जाता।
फूल तितलियां भौंरे डर,
उनसे जाते हैं।
जब भी उनका मन होता है,
अच्छा थोड़ा।
बिठा पीठ पर छोटू को बन,
जाते घोड़ा।
ऐंड लगाता छोटू, तो
सरपट जाते हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

मिस वर्ल्ड 2025 ने 16 की उम्र में कैंसर से जीती थी जंग, जानिए सोनू सूद के किस सवाल के जवाब ने जिताया ओपल को ताज

ऑपरेशन सिंदूर पर निबंध: आतंकवाद के खिलाफ भारत का अडिग संकल्प, देश के माथे पर जीत का तिलक

सभी देखें

नवीनतम

फादर्स डे 2025: इन 5 सुपरफूड्स को डाइट में जरूर करें शामिल, हर पुरुष की सेहत के लिए हैं बेहद जरूरी

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

बाल गीत: गरम जलेबी

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

क्यों पुंगनूर गाय पालना पसंद कर रहे हैं लोग? जानिए वैदिक काल की इस अद्भुत गाय की विशेषताएं

अगला लेख