बाल गीत : उठ जाओ अब मेरे लल्ला

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
तारों ने मुंह फेर लिया है,
अस्ताचल में छुपा अंधेरा।
पूरब के मुंह पर ऊषा ने,
ब्रश से सिंदूरी रंग फेरा।
उठ जाओ अब मेरे लल्ला,
तुम्हें अभी शाला जाना है।
 
कौओं, चिड़ियों की आवाज़ें,
छत, मुंडेर पर लगीं गूंजने।
सूरज भी आने वाला है,
अभी-अभी ही क्षितिज चूमने।
हवा बांसुरी बजा रही है,
कोयल को गाना गाना है।
 
हरे-भरे पत्तों पर, उठकर,
देखो कैसी ओस दमकती।
पारिजात के पुष्प दलों से,
भीनी मंद सुगंध महकती।
बस थोड़ी सी देर और है,
आंगन धूप उतर आना है।
        
देखो तो पिंजरे की मैना,
फुदक-फुदक कर बोल रही है।
सुन लो उसकी मीठी बोली,
कानों में रस घोल रही है।
हो जाओ तैयार तुम्हें अब,
राजा बेटा बन जाना है।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार

अगला लेख