लाल किताब में भी लिखा है वृक्षों का महत्व

Webdunia
- नवीन जोशी
 
हमारे यहां देव संस्कृति में प्रकृति को शक्ति रूप में पूजा जाता है। व्यक्ति जब प्रत्येक कार्य में प्रकृति के नियम का पालन करता है तब वह सुखी और आरोग्य रहता है। लाल किताब में वृक्षों का क्या महत्व है और जातक की कुंडली के अनुसार कौन-कौन-सा वृक्ष लाभकारी है या नहीं, इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
 
लाल किताब में हर ग्रह किसी न किसी वृक्ष का कारक है और कुंडली में जो अच्छे ग्रह हैं उनके वृक्षों का घर के पास होना शुभ माना गया है। बृहस्पति ग्रह पीपल के वृक्ष का कारक है। यदि कुंडली में बृहस्पति शुभ हो और जिस भाव में बैठा है, मकान के उस हिस्से में या उस दिशा तरफ पीपल का वृक्ष लगाना शुभ फल देगा। 
 
इस वृक्ष में कभी-कभी दूध डालते रहना चाहिए तथा उसके आसपास गंदगी नहीं रखना चाहिए। सूर्य तेज फल के वृक्ष का कारक है, जिस भाव में बैठा है, उस भाव की तरफ घर से बाहर या अंदर तेज फल का वृक्ष शुभ फलदायी होता है। शुक्र का कारक कपास का पौधा है और मनी प्लांट पौधा भी शुक्र का कारक है। कोई भी जमीन पर आगे बढ़ने वाली लेटी हुई बेल शुक्र की कारक है।
 
यदि शुक्र कुंडली में अच्छा है तो घर में मनी प्लांट लगाना अत्यधिक शुभ फलकारी है। आजकल के जमाने में घर अंदर से पूरी तरह पक्के होते हैं। इसलिए घर में शुक्र स्थापित नहीं होता है, क्योंकि शुक्र कच्ची जमीन का कारक है। इसलिए घर में कहीं भी कच्ची जमीन न हो तो मनी प्लांट लगाना शुभ फल का कारक है। मंगल नीम के पेड़ का कारक है, अतः भाव अनुसार नीम का पेड़ शुभ फल देगा। 
 
केक्टस और किसी भी प्रकार के काँटे वाले पौधे घर में स्थापित करना शुभ नहीं होता है। केतु इमली का वृक्ष, तिल के पौधे तथा केले के फल का कारक है। यदि केतु खराब हो तो इन पौधों को घर के आसपास लगाना घर के मालिक के बेटे के लिए अशुभ फल का कारक हो जाता है, क्योंकि कुंडली में केतु हमारे बेटे को कारक भी है।
 
बुध का कारक केला या चौड़े पत्तों के वृक्ष है। शनि कीकर, आम और खजूर के वृक्ष का कारक है। इन वृक्षों को शुभ स्थिति में भी घर के आसपास स्थापित नहीं होने देना चाहिए। नारियल का पेड़ या आज के जमाने में केक्टस राहु के कारक हैं।

ALSO READ: खुशहाली के लिए अपनी राशि अनुसार लगाएं हरियाले पेड़

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

गुरु ग्रह अस्त, 4 राशियों को रहना होगा 9 जुलाई तक संभलकर

ज्ञान की ज्योति: भारतीय अध्यात्म और परंपरा का संगम, पढ़ें रोचक जानकारी

भारतीय परंपरा में ध्यान के 10 विभिन्न स्वरूपों को जानें

कब है मिथुन संक्रांति, क्या है इसका महत्व?

जाति जनगणना: मुगल और अंग्रेजों ने इस तरह जातियों में बांटा था हिंदुओं को

सभी देखें

नवीनतम

14 जून 2025 : आपका जन्मदिन

14 जून 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी कब है, कैसे करें यह व्रत, जानें पूजन के मुहूर्त, विधि और महत्व

अहमदाबाद प्लेन क्रैश का क्या 9 नंबर से है कोई गहरा नाता ? अंकशास्त्र से जानें मंगल के इस साल 2025 के कुछ रहस्य

भविष्यवाणी: ईरान में होगा तख्तापलट, कट्टरपंथी खामेनेई की ताकत का होगा अंत!

अगला लेख