शनि यदि है पहले भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 6 कार्य और जानिए भविष्य

अनिरुद्ध जोशी
मकर और कुंभ का स्वामी शनि तुला में उच्च, मेष में नीच का होता है। लाल किताब में आठवें भाव में शनि बली और ग्यारहवां भाव पक्का घर है। सूर्य, चंद्र और मंगल की राशियों में शनि बुरा फल देता है। लेकिन लेकिन यहां पहले घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
 
कैसा होगा जातक : यहां पर स्थित शनि यदि शुभ है तो व्यक्ति सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की इच्छा रखता है। लोकल्याण के लिए सदा तत्पर रहता है। राजनेता या अधिकारी बन सकता है।
 
5 सावधानियां :
1. दगाबाजी और झगड़ालू प्रवृत्ति से बचें। 
2. शिक्षा और नौकरी के प्रति गंभीर व जिम्मेदार रहे। 
3. पत्नी और मां का ध्यान रखें।
4. शराब का सेवन न करें और ब्याज का धंधा न करें।
5. भिखारी को तांबा या तांबे का सिक्का कभी दान न करें अन्यथा पुत्र को कष्ट होगा। 
 
क्या करें : 
1. बंदरों की सेवा करें।
2. केले के पेड़ में दूध चढ़ाएं।
3. भगवान भैरव की उपासना करें। 
4. तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान देना चाहिए। 
5. कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलावे और छायादान करें
6. दांत साफ रखें। अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें। 

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