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अमोल मजूमदार: जिसे बोला गया भारत का ‘अगला सचिन’, जिसकी मेहनत ने शेरनियों को दिलाया वर्ल्ड कप, दिल छू लेगी कहानी

कृति शर्मा
सोमवार, 3 नवंबर 2025 (13:23 IST)
कभी किसी ने कहा था,
"हर अधूरी कहानी में एक नया किरदार छिपा होता है,
जो खुद का सपना नहीं जी पाता,
पर दूसरों को उनके सपने तक पहुंचा देता है।”
 
अमोल मजूमदार की कहानी कुछ ऐसी ही है वो खिलाड़ी जिसकी बारी हमेशा कुछ कदम दूर रह गई
 
 
साल था 1988
मुंबई के शरदाश्रम विद्यालय में 13 साल का एक बालक, नेट्स के पास अपनी बल्लेबाजी की बारी का इंतजार कर रहा था। उसी मैच में उसके साथी सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने 664 रनों की ऐतिहासिक साझेदारी की। दिन ढल गया, पारी समाप्त हुई मगर अमोल की बारी नहीं आई। वो इंतज़ार जैसे उनकी ज़िंदगी का स्थायी भाव बन गया।
 
1993-94 में जब उन्होंने मुंबई के लिए रणजी डेब्यू किया, तो पहले ही मैच में 260 नॉट आउट की पारी खेली जो उस समय विश्व रिकॉर्ड थी। लोग बोले, “यह अगला सचिन बनेगा।” लेकिन भारतीय क्रिकेट का वह दौर पहले से ही सुनहरे नामों से भरा था तेंदुलकर, द्रविड़, गांगुली, लक्ष्मण। मध्यक्रम में जगह ही नहीं थी। इसके बावजूद मजूमदार ने दो दशक तक भारतीय घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाया, 171 प्रथम श्रेणी मैच (First Class Maches), 11,167 रन, 30 शतक, औसत 48.13। वो मुंबई क्रिकेट का दिल बने रहे, आठ रणजी खिताबों में उनका योगदान रहा, और 2006 में टीम को कप्तान के तौर पर विजेता बनाया। मगर ब्लू जर्सी अब भी उनसे दूर रही।

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Here is the perfect script for a Chak De India sequel :

He's Amol Muzumdar, one of the most prolific batters in Indian domestic cricket. On his Ranji Trophy debut for Mumbai in 1994, he scored 260. Nicknamed the “New Tendulkar”, he was touted as the next big thing in Indian… pic.twitter.com/no0XW0K9Nc

— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) November 3, 2025 > async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"> >
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पिता के एक वाक्य ने दिशा बदल दी
 
2002 तक अमोल लगभग टूट चुके थे। चयनकर्ताओं की लगातार अनदेखी ने उन्हें भीतर से खाली कर दिया था। उसी समय पिता अनिल मजूमदार ने कहा "खेल छोड़ना मत, तेरे अंदर अभी क्रिकेट बाकी है।" वो वाक्य उनके जीवन का मोड़ साबित हुआ। उन्होंने खुद को फिर से गढ़ा, मुंबई को रणजी जिताया, और नए खिलाड़ियों पर भरोसा जताया। इसी दौरान उन्होंने एक युवा प्रतिभा को मौका दिया, रोहित शर्मा। शायद वही पल था जब अमोल ने महसूस किया कि कभी-कभी दूसरों को मौका देना ही अपनी बारी होती है।

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Amol Muzumdar celebrating the world cup win with his father pic.twitter.com/d9gfmFOhpW

— RCBIANS OFFICIAL (@RcbianOfficial) November 2, 2025 >
बैट से बोर्ड तक का सफर
2014 में संन्यास के बाद अमोल ने बल्ला रखकर कोचिंग थाम ली। उन्होंने नेशनल क्रिकेट एकेडमी, राजस्थान रॉयल्स, नीदरलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों के साथ काम किया। उनकी कोचिंग शैली शोर नहीं, संवाद थी। वो गुस्सा नहीं करते, समझाते हैं। खिलाड़ियों की ताकत को पहचानते हैं और भय को आत्मविश्वास में बदल देते हैं।
 
भारतीय महिला टीम के साथ नया अध्याय
अक्टूबर 2023 में, बीसीसीआई ने उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया। यह वह समय था जब टीम के भीतर असंतोष और विभाजन की खबरें आम थीं। मजूमदार ने सबसे पहले ड्रेसिंग रूम का माहौल बदला  उन्होंने खिलाड़ियों को भरोसा दिलाया कि वह किसी “गुट” का हिस्सा नहीं, बल्कि उनके सफर के साथी हैं। धीरे-धीरे वह भरोसा जड़ें पकड़ता गया। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा, शैफाली वर्मा जैसी खिलाड़ी उनके शांत नेतृत्व में एक इकाई बन गईं।
 
2025 का विश्वकप इंतजार का अंत
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम के खिलाफ उन्होंने ड्रेसिंग रूम की व्हाइटबोर्ड पर लिखा "हमें फाइनल में पहुंचने के लिए बस उनसे एक रन ज्यादा चाहिए।" वह वाक्य जैसे पूरी टीम के भीतर आग बनकर उतर गया। जेमिमा रॉड्रिग्स की 127 रन की पारी और हरमनप्रीत की 89 रन की कप्तानी इनिंग ने भारत को चमत्कारिक जीत दिलाई। फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर इतिहास रच दिया।

वो बारी आखिर आ ही गई
मैच खत्म हुआ, मैदान पर शेरनियां जश्न मना रही थीं, और दूर खड़े अमोल मजूमदार की आंखें भीग चुकी थीं।  वो पल सिर्फ जीत का नहीं, एक अधूरी कहानी के पूरे होने का था। जिस खिलाड़ी को 13 साल की उम्र में बल्लेबाजी की बारी नहीं मिली थी, वही अब एक टीम को विश्व चैंपियन बनने की बारी दे चुका था।

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#AmolMuzumdar 
padded up but never walked out to play…
Watched Sachin & Kambli score 664, & life made him wait ever since…

One of India’s top run-scorers, yet never selected for the national team…
Today, he’s the unsung hero behind India’s World Cup glory.  pic.twitter.com/T9hTmZeUw4

— Archana Pawar  (@SilentEyes0106) November 3, 2025 >
 

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