1975 में वेस्टइंडीज की पहली विश्वकप जीत के 50 साल पूरे, क्लाइव लॉयड समेत यह क्रिकेटर हुए सम्मानित

वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड के दिल में अभी भी ताजा है पहले वनडे विश्वकप की जीत

WD Sports Desk
बुधवार, 2 जुलाई 2025 (13:25 IST)
 
लॉयड ने कहा, यह पहला विश्व कप था और अब कभी पहला विश्व कप नहीं होगा तथा वेस्टइंडीज के कई समर्थकों के सामने उसे जीतना रोमांचकारी था। वर्तमान समय के बल्लेबाज अमूमन वनडे में हर गेंद पर रन बनाने का स्ट्राइक रेट चाहते हैं लेकिन लॉयड ने 1975 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में केवल 85 गेंदों पर 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से 102 रन ठोंक दिए थे।
 
उन्होंने यह पारी तब खेली थी, जबकि पहले बल्लेबाजी का न्‍योता पाने वाले वेस्टइंडीज का स्कोर 3 विकेट पर 50 रन था। लॉयड ने यह पारी ऑस्ट्रेलिया के उस आक्रमण के सामने बनाई थी, जिसमें डेनिस लिली और जैफ थामसन जैसे घातक गेंदबाज और स्विंग गेंदबाज गैरी गिलमर शामिल थे। लॉयड ने रोहन कन्हाई के साथ 149 रन की साझेदारी की जिससे वेस्टइंडीज ने 60 ओवरों में आठ विकेट पर 291 रन बनाए जो उस समय बहुत बड़ा स्कोर माना जाता था।

लॉयड ने कहा, मैंने शतक लगाया था, मुझे याद है मैंने 102 रन बनाए थे लेकिन जब मैंने क्रीज पर कदम रखा तब हमारे तीन विकेट गिर चुके थे और हमारी हालत नाजुक थी। रोहन कन्हाई और मैंने परिस्थिति के अनुरूप बल्लेबाजी की और फिर मजबूत स्कोर बनाया।
 
उन्होंने कहा, हमारा इतना स्कोर था कि उसका हम आसानी से बचाव कर सकते थे और हमने ऐसा किया भी। आखिर में भले ही मुकाबला करीबी हो गया था लेकिन हमने मैच में हर समय अपना पलड़ा भारी रखा था। इस बार वेस्टइंडीज ने क्वालीफाइंग प्रतियोगिता के जरिए विश्व कप में जगह बनाई है लेकिन हाल में उसने इंग्लैंड को टेस्ट श्रृंखला में 2-1 से हराया।
 
1975 विश्वकप की शुरुआत तक केवल 18 एक दिवसीय मैच ही हुए थे, इंग्लैंड ने सर्वाधिक 15 मैच खेले थे जबकि भारतीय टीम ने सिर्फ दो। खैर इंग्लैंड में विश्वकप का आगाज हो गया, जिसमें शामिल टीमों की संख्या थी आठ। छः टीमें वे थीं जिन्हें टेस्ट दर्जा प्राप्त था- ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान व भारत के अलावा दो टीमें वे थीं जिन्होंने आईसीसी ट्रॉफी के लिए खेले गए मुकाबलों में विजेता व उपविजेता रहने का श्रेय प्राप्त किया था। ये टीमें थीं श्रीलंका और पूर्व अफ्रीका।

ये टीमें ए और बी समूह में शामिल थीं। स्पर्धा का फॉर्मेट लीग कम नॉकआउट था। प्रत्येक समूह की चार टीमों को अपने-अपने समूह की अन्य टीमों के खिलाफ एक-एक मैच खेलना था और प्रत्येक समूह की दो शीर्ष टीमों को सेमीफाइनल में प्रवेश करना था। सेमीफाइनल की विजेता टीमों के बीच होना था फाइनल।

स्पर्धा के बारह लीग मैच 7 से 14 जून के बीच इंग्लैंड के छः मैदानों पर खेले गए। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड समूह ए के विजेता व उपविजेता रहे जबकि समूह बी में वेस्टइंडीज को शीर्ष पर रखा तो ऑस्ट्रेलिया नं. 2 पर रही। सेमीफाइनल एक समूह की शीर्ष इंग्लैंड व दूसरे समूह की नंबर दो ऑस्ट्रेलिया तथा दूसरा सेमी वेस्टइंडीज (शीर्ष) व न्यूजीलैंड (नंबर दो) के बीच खेला गया।
<>

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख