मनोज प्रभाकर के आवेदन पर उठे गंभीर सवाल, बनना चाहते हैं महिला टीम के कोच

Webdunia
सोमवार, 10 दिसंबर 2018 (15:34 IST)
नई दिल्ली। पूर्व तेज गेंदबाज मनोज प्रभाकर ने महिला टीम के राष्ट्रीय कोच के लिए आवेदन किया है लेकिन मैच फिक्सिंग मामले के कारण प्रभाकर के आवेदन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अगर उनके आवेदन का चयन होता है तो भारतीय टीम के उनके पूर्व सहयोगी कपिल देव की अध्यक्षता वाला पैनल उनका साक्षात्कार कर सकता है।


टीम में एक साथ खेलने से लेकर साल 2000 में उठे मैच फिक्सिंग विवाद तक कपिल देव और मनोज प्रभाकर की कड़वाहट किसी से छिपी नहीं है। बीसीसीआई ने महिला टीम के कोच के लिए विज्ञापन दिया था जिसके लिए प्रभाकर के अलावा दक्षिण अफ्रीका के हर्षल गिब्स ने भी आवेदन किया है।

प्रभाकर ने अपनी उम्मीदवारी की पुष्टि करते हुए रविवार को कहा कि हां, मैंने मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन किया है। राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की किसी भी हैसियत से जुड़ना गर्व की बात है। प्रभाकर के ज्ञान पर किसी को कोई संदेह नहीं है लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि कोच चयन समिति साक्षात्कार के लिए उनका चयन करती है या नहीं।

चयन समिति पैनल के अध्यक्ष पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव हैं जबकि अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी इसके अन्य सदस्य हैं। प्रभाकर को जब बताया गया कि चयन समिति पैनल के अध्यक्ष कपिल देव हो सकते हैं तो उन्होंने बेरुखी से इसका जवाब दिया कि आपने मुझसे पूछा कि मैंने आवेदन किया है या नहीं? मैंने कहा कि हां, किया है। मैंने आवेदन क्यों किया?, क्योंकि मुझे लगता है क्रिकेट के अपने ज्ञान से मैं योगदान दे सकता हूं।

उन्होंने कहा कि महिला क्रिकेट में काफी प्रतिभा है और मुझे लगता है कि मिताली राज, हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी खिलाड़ियों को मदद करने का मेरे पास अनुभव है। प्रभाकर से यह भी पूछा गया कि क्या 2000 के विवाद के बाद वे कभी कपिल से मिले हैं।

उन्होंने कहा कि इस मसले से इसका कोई सरोकार नहीं है। कोच पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है लेकिन प्रभाकर और गिब्स दोनों का नाम मैच फिक्सिंग मामले में जुड़ा रहा है जिससे उनके आवेदन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा कि अगर समिति उनकी उम्मीदवारी को उपयुक्त पाती है तो साक्षात्कार के लिए उनका चयन होगा।

उन्होंने कहा कि जहां तक विवादों का सवाल है तो विवाद के बाद भी गिब्स आईपीएल में 2008 के बाद डेक्कन चार्जर्स के लिए खेले थे जबकि प्रभाकर रणजी ट्रॉफी में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान टीम के कोच रह चुके हैं। इसलिए यह बड़ा मुद्दा नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

हार्दिक पंड्या के लिए नहीं हो रही मुश्किलें खत्म, वर्ल्ड कप से पहले लगा एक मैच का Ban

Impact Player Rule ने आल राउंडर से ज्यादा किया गेंदबाजों को प्रभावित: शाहबाज अहमद

Paris Olympics से ठीक पहले ट्रॉयल्स से गुजरना पड़ सकता है इन पहलवानों को

ICC Tournament में भारत से खेलने के मामले में पाकिस्तान मानसिक रूप से पिछड़ जाता है: मिसबाह

Sunil Chhetri Retirement : भारतीय कप्तान ने किया संन्यास का ऐलान, गोल के मामले में Ronaldo और Messi के साथ टॉप पर

मैंने मना किया था रिकॉर्ड करने को... निजी वीडियो चलाने पर स्टारस्पोर्ट्स पर भड़के रोहित शर्मा

मुझे किसी के अनुमोदन या आश्वासन की जरूरत नहीं है: कोहली

RCB vs CSK : विराट और अनुष्का की आँखें हुई नम, वीडियो देख पिघला सोशल मीडिया

RCB vs CSK : जीत के बाद विराट कोहली की '1 पर्सेंट चांस' की थ्योरी हुई वायरल

गत विजेता चेन्नई 27 रनों से हारकर हुई बाहर, बैंगलुरु के खिलाफ फिनिश नहीं कर पाए माही

अगला लेख