Chandra grahan 2023 : कैसे होता है सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण? वर्ष 2023 में कब-कब होंगे ग्रहण?

Webdunia
Lunar Eclipse in 2023 in Hindi: सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटना एक खगोलीय घटना है। भले ही हजारों वर्षों बाद कोई ग्रहण होने वाला हो उसकी पंचांग में तारीख पहले से ही दर्ज है।  वर्ष 2023 में कब कब होंगे चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण।
 
चंद्र ग्रहण 2023 | Chandra grahan 2023:
 
1. पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन रात्रि 8:45 पर पहला चंद्र ग्रहण लगेगा जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा। संभव है कि यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
 
2. दूसरा चंद्र ग्रहण : 29 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन रात्रि 01:06 पर दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा जो खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण रात्रि 02:22 पर बजे समाप्त होगा। (28 तारीख की रात्र‍ि यानी 01:06 एएम से 02:22 एएम तक)
 
सूर्य ग्रहण 2023 | surya grahan 2023:
 
1. पहला सूर्य ग्रहण : 20 अप्रैल 2023 गुरुवार को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिय, लेकिन यह सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 तक रहा।
 
2. दूसरा सूर्य ग्रहण : 14 अक्टूबर 2023 शनिवार को वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। संभवत: यह ग्रहण भी भारत में दृश्यमान नहीं होगा।
 
कैसे होता है सूर्य ग्रहण? सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रूप से चंद्रमा द्वारा आवृत्त हो जाए। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है तो वह सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढंक लेता है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
 
कैसे होता है चंद्रग्रहण? : जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तब सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इसे ही चंद्रग्रहण कहते हैं। इस दौरान धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। धरती की छाया जब चंद्रमा के संपूर्ण हिस्से को ढंक ले, तो खग्रास ग्रहण होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

18 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

18 फरवरी 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

अगला लेख