झाबुआ उपचुनाव : 5 बार के सांसद कांतिलाल भूरिया ‍फिर बन पाएंगे विधायक? पढ़े खास खबर

विकास सिंह
गुरुवार, 26 सितम्बर 2019 (12:02 IST)
मध्यप्रदेश में झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर अपने दिग्गज आदिवासी चेहरे कांतिलाल भूरिया पर दांव लगाया है। झाबुआ से 5 बार के सांसद रहे कांतिलाल भूरिया फिर झाबुआ विधानसभा सीट के लिए चुनावी मैदान में हैं। पार्टी के दिग्गज आदिवासी चेहरे कांतिलाल भूरिया ने टिकट के दूसरे दावेदार जेवियर मेड़ा को पीछे छोड़ते हुए टिकट हासिल किया है।
 
2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ सीट पर भाजपा उम्मीदवार गुमान सिंह डामोर ने कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को हराकर जीत हासिल की थी। वहीं इस साल भाजपा ने लोकसभा चुनाव के विधायक गुमान सिंह डामोर को अपना उम्मीदवार बनाया था जिन्होंने चुनाव में कांतिलाल भूरिया को धूल चटाई थी।
 
कांतिलाल भूरिया का गढ़ है झाबुआ- झाबुआ लोकसभा सीट कांतिलाल भूरिया के गढ़ के रूप में पहचाना जाता है। कांतिलाल भूरिया झाबुआ लोकसभा सीट से 1998, 1999, 2004 और परिसीमन के बाद झाबुआ-रतलाम सीट से 2009 और 2015 में सांसद चुने गए।
 
2014 के लोकसभा चुनाव में झाबुआ लोकसभा सीट से कांतिलाल भूरिया को भाजपा उम्मीदवार दिलीप सिंह भूरिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव के बाद भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद 2015 में जब झाबुआ लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ तो फिर कांतिलाल भूरिया ने शानदार जीत हासिल कर एक बार फिर अपनी इस परंपरागत सीट पर अपना कब्जा जमा लिया।
 
2019 के चुनाव में कांतिलाल भूरिया को भाजपा उम्मीदवार गुमान सिंह डामोर के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जो झाबुआ विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक थे। 2108 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार जीएस डामोर ने कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को हराया था। लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद डामोर ने विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद अब एक बार फिर झाबुआ में उपचुनाव हो रहा है।
 
सीएम कमलनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर– झाबुआ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब झाबुआ में उपचुनाव एक तरह से कांग्रेस सरकार के पहले 250 दिनों के कामकाज की लिटमस टेस्ट है, इसी के चलते उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए खुद मुख्यमंत्री ने कमान अपने हाथों में ली है।
 
मुख्यमंत्री कमलनाथ की पसंद पर ही कांतिलाल भूरिया का टिकट फाइनल हुआ है। विधानसभा में 114 विधायकों के साथ बहुमत के आंकड़े से दो कदम दूर अगर पार्टी झाबुआ उपचुनाव में जीत हासिल करती है तो वह एक तरह अपने बल पर बहुमत हासिल कर लेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले ही निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को अपनी कैबिनेट में शामिल कर लिया है। झाबुआ में उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सरकार ने बड़े कार्यक्रमों के जरिए वोटरों को रिझाने की पूरी कोशिश की है।
ALSO READ: आदिवासियों को सीएम कमलनाथ की बड़ी सौगात, साहूकारों से लिया कर्जा माफ
भीतरघात का संकट – झाबुआ उपचुनाव के लिए कांतिलाल भूरिया के टिकट पर मुहर लगने के साथ कांग्रेस के सामने एक बार फिर भीतरघात का संकट मंडराने लगा है। झाबुआ सीट के लिए कांतिलाल भूरिया के साथ ही जेवियर मेड़ा भी अपनी दावेदारी कर रहे थे। जेवियर मेड़ा पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में कूदे थे और कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बने थे।
 
पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस बार भी जेवियर मेड़ा ने टिकट के लिए भरसक कोशिश की थी लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के सीधे दखल के बाद कांतिलाल भूरिया के नाम पर पार्टी आलाकमान ने अपनी मुहर लगा दी। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जेवियर मेड़ा को मनाने की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाली है। 
 
जेवियर मेड़ा को चुनाव नहीं लड़ने के बदले निगम मंडल में किसी महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी देने का भरोसा दिया गया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे जेवियर मेड़ा को 32 हजार से अधिक वोट हासिल हुए थे जबकि कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार विक्रांत भूरिया को भाजपा उम्मीदवार जीएस डामोर से मात्र 10 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
 
भाजपा ने अभी नहीं खोले पत्ते- अपने कब्जे वाली विधानसभा सीट को लेकर भाजपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। जीएस डामोर के सांसद चुने जाने के बाद भाजपा इस सीट पर किसी मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है। अब जब कांग्रेस इस सीट पर अपने पत्ते खोल दिए तो भाजपा भी जल्द ही अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर देगी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

देश में इस साल कैसा रहेगा मानसून, क्या रहेगा अल नीनो का खतरा, IMD ने बताया किन राज्यों में होगी भरपूर बारिश

बाबा रामदेव के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने खोला मोर्चा, शरबत जिहाद वाले बयाान पर FIR दर्ज करने की मांग

National Herald Case : सोनिया, राहुल और पित्रोदा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप, नेशनल हेराल्ड मामले में ED की पहली चार्जशीट, कांग्रेस बोली- धमका रहे हैं मोदी और शाह

DU में गर्मी से बचने का देशी तरीका, प्रिसिंपल ने क्लास की दीवारों पर लीपा गोबर, छात्रसंघ अध्यक्ष बोले- अपने ऑफिस का AC हटवा लेंगी मैडम

2 दिन की तेजी से निवेशक हुए मालामाल, 18.42 लाख करोड़ रुपए बढ़ी संपत्ति, किन कंपनियों के शेयरों में रही गिरावट

सभी देखें

नवीनतम

Waqf Law पर आया पाकिस्तान का बयान तो भारत ने लगाई लताड़- पहले अपने गिरेबां में झांके

Ed ने की Sahara Group के खिलाफ कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एंबी वैली को किया कुर्क

26/11 हमले के बाद बदल गया भारत-पाकिस्तान का रिश्ता, आखिर ऐसा क्यों बोले विदेश मंत्री जयशंकर

स्टालिन ने केंद्र पर हमला किया तेज, राज्य की स्वायत्तता पर उच्च स्तरीय समिति की घोषणा की

अखिलेश बोले, भाजपा ने अगर 400 सीटें जीती होतीं तो संविधान खत्म हो गया होता तथा राइफलें और तलवार निकले होते

अगला लेख