कमलनाथ का कटाक्ष, किस डर से राज्यपाल ने 10 बार लिया नरेन्द्र मोदी का नाम

Webdunia
बुधवार, 24 फ़रवरी 2021 (21:55 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने बुधवार को सदन में कहा कि ऐसा कौनसा खौफ था कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में 10 बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिया, लेकिन केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों, दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन एवं बेरोजगारी के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।
 
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कमलनाथ ने कहा कि किसी भी राज्य में राज्यपाल का अभिभाषण राज्य सरकार की दिशा और दृष्टि को प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा हर राज्य में है और संसद में भी है। उन्होंने कहा कि यह जो राज्यपाल का अभिभाषण था, वह दिशाहीन एवं दृष्टिहीन है। उन्होंने कहा कि मुझे राज्यपाल पर दया आती है कि उन्हें ऐसा भाषण पढ़ना पढ़ा।
 
प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके कमलनाथ ने कहा कि अभिभाषण की शुरुआत में मोदी और अंत में भी मोदी, कुल 10 बार नाम लिया मोदी जी का। मैं सोच रहा हूं कि क्या मैं लोकसभा में बैठा हूं या विधानसभा में बैठा हूं।
 
उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा, इतनी दफे। कौन सा खौफ था? राज्य सरकार तो हमारे मुख्यमंत्रीजी चलाते हैं। पर कौन सा खौफ था? कौन सी छाया में यह भाषण था? कमलनाथ ने कहा कि मुझे ताज्जुब हुआ क्योंकि राज्यपाल का भाषण एक गंभीर भाषण होता है। इसमें मैं समझता हूं कि इसमें यह आवश्यकता नहीं है कि विधानसभा में मोदी का प्रचार किया जाए। उनकी (मोदी) क्या आवश्यकता है? उनका यहां प्रचार करके आप उन्हें क्या संदेश दे रहे हैं?
 
उन्होंने पूछा कि राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में क्या किसानों के आंदोलन एवं किसानों के लिए बनाए गए केन्द्र सरकार के तीन नए कानूनों के बारे में कुछ कहा? कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कह देते कि हम सहमत हैं अथवा वही कह देते जो मजबूरी में आपको कहना पड़ता है।
 
इन नए कृषि कानूनों में बड़े-बड़े उद्योगपतियों द्वारा ठेके पर खेती किए जाने की ओर इशारा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि इन नए कृषि कानूनों से उद्योगपति किसानों को खाद एवं बीज देगा और किसान स्थाई रूप से बंधुआ मजदूर हो जाएगा।
 
इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि किसान बंधुआ मजदूर हो जाए, इसका सवाल ही पैदा नहीं होता। मैं एक-एक बात का जवाब दूंगा। कोई गलत संदेश न जाए इसलिए मैंने बीच में अपनी बात रखी। इस पर कमलनाथ ने कहा कि मैं कोई गलत संदेश नहीं दे रहा हूं। जो कानून है, मैं केवल उसे बड़ी सरल भाषा में समझा रहा हूं।
 
कमलनाथ ने कहा कि राज्यपाल का भाषण केवल गुमराह करने वाला और मीडिया का भाषण था और मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं। (भाषा)
 

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