भोपाल में भाजपा के गढ़ में कम वोटिंग खतरे की घंटी, BJP ने चुनाव आयोग पर फोड़ा कम वोटिंग का ठीकरा

विकास सिंह
गुरुवार, 7 जुलाई 2022 (17:42 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चऱण में कम वोटिंग से प्रत्याशियों के साथ सियासी दलों में टेंशन बढ़ गई है। प्रदेश के 11 नगर निगमों में हुए महापौर के चुनाव में कम वोटिंग से सत्तारूढ़ दल भाजपा में खासी टेंशन देखी जा रही है। भाजपा के गढ़ के रूप में देखे जाने वाले भोपाल में शहर सरकार में कम वोटिंग के बाद अब परिणामों पर सबसे नजर लग गई है। मतदान खत्म होने के बाद से भाजपा और कांग्रेस में कम मतदान को लेकर सियासी गुणा भाग को लेकर बैठकों का दौर भी तेज हो गया है।
 
भाजपा के गढ़ में कम वोटिंग खतरे की घंटी-भाजपा के गढ़ माने जाने वाले राजधानी भोपाल में 51 फीसदी वोटिंग से परिणाम के चौंकाने वाले की आंशका जताई जाने लगी है। निर्वाचन आयोग की ओर से वोटिंग के जारी आंकड़ों के मुताबिक राजधानी भोपाल में सबसे अधिक मतदान नरेला विधानसभा क्षेत्र में 52.63% हुआ वहीं सबसे कम मतदान भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली गोविंदपुरा विधानसभा सीट में मात्र 47.20% हुआ। गौरतलब है कि गोविंदपुरा से भाजपा की वर्तमान विधायक कृष्णा गौर का नाम भी महापौर उम्मीदवार के दावेदारों में शामिल था।

निकाय चुनाव में भाजपा को सबसे अधिकर आस गोविंदपुरा और भोपाल दक्षिण विधानसभा सीट से थी लेकिन गोविंदपुरा की तरह दक्षिण विधानसभा सीट पर भी मात्र 49.48% मतदान हुआ। इसके साथ अपने बयानों के जरिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले हुजूर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बैरागढ़ इलाके में 51.22% और कोलार इलाके में 50.68% मतदान हुआ। 
 
मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बंपर वोटिंग-
मुस्लिम बाहुल्य इलाके वाले भोपाल उत्तर विधानसभा सीट जहां से कांग्रेस के आरिफ अकील मौजूदा विधायक है वहां पर राजधानी में सबसे अधिकर 57.34% मतदान हुआ। वहीं भोपाल मध्य विधानसभा सीट से जहां से कांग्रेस के आरिफ मसूद वर्तमान विधायक है वहां पर भी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में काफी अच्छा मतदान हुआ। वहीं अगर आंकड़ों को देखा जाए तो नया भोपाल जो भाजपा के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है वहां पर 40%  के आसपास ही मतदान हुआ। 
भाजपा ने चुनाव आयोग पर फोड़ा कम वोटिंग का ठीकरा-
राजधानी भोपाल और ग्वालियर समेत प्रदेश के कई नगर निगमों में कम वोटिंग के लिए भाजपा ने चुनाव आयोग और उसकी तैयारियों को जिम्मेदार ठहराया है। गुरुवार को भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा और कम वोटिंग का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ा। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह सिंह को सौंपे अपने ज्ञापन में भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कोई ठीस कार्यक्रम नहीं चलाया। जिसके कारण मतदाताओं को मतदान करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। वहीं मतदाताओं के मतदान केंद्र को बिनी किसी पूर्व सूचना के विभाजित कर दिए गए जिसके कारण मतदाताओं को मतदान के लिए भटकना पड़ा। 
 
इसके साथ ही मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में थे लेकिन उनमें से अधिकांश मतदाताओं को मतदान पर्चियां नहीं मिली, जिसके कारण हजारों की संख्या में मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित रह गए। भाजपा का आरोप है कि बीएलओ के उपर कोई भी प्रभावी नियंत्रण नहीं था जिससे बीएलओ ने मतदान पर्चियां मतदाताओं को नहीं वितरित की। ऐसे बीएलओ की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। भाजपा ने मांग की है कि दूसरे चऱण की वोटिंग के लिए मतदान पर्चियों को घर-घर पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग संबंधित जिलों के कलेक्टर को फौरन निर्देश दिए। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कब-कब हुई भगदड़ की बड़ी घटनाएं, डराने वाले इन आंकड़ों को देखिए

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने बताया RSS का अगला प्लान, हिन्दुओं को लेकर कही बड़ी बात

दिल्ली के CM पर कल खत्म हो सकता है सस्पेंस, शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बड़ा अपडेट

अघाड़ी में पड़ी दरार, फडणवीस से मिले उद्धव, शिंदे की शरद पवार ने की तारीफ, महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण

फालतू है कुंभ, लालू यादव ने बताया किसकी गलती से मची नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़

सभी देखें

नवीनतम

भारत को चीन कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

महाकुंभ मेला क्षेत्र में फिर लगी आग, 1 माह में 5वीं घटना, 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान

UP : क्‍या संभल से पलायन कर रहे मुसलमान, ओवैसी के दावे पर पुलिस ने दिया यह बयान

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी हुए 'भगवा', रामलला के किए दर्शन

Audi rs q8 performance : भारत आई ऑडी की सबसे तेज SUV, कीमत 2.49 करोड़ रुपए

अगला लेख