Badlapur case: बंबई हाईकोर्ट ने आरोपी की मौत के लिए 5 पुलिसकर्मियों को ठहराया जिम्मेदार
इस घटना में शामिल अधिकारियों में ठाणे अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे, सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) नीलेश मोरे, हेडकांस्टेबल अभिजीत मोरे और हरीश तावड़े तथा एक पुलिस चालक शामिल थे
Badlapur sexual harassment case: बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले (Badlapur sexual harassment case) के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के लिए मजिस्ट्रेटी जांच में 5 पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। मजिस्ट्रेट ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट बंबई उच्च न्यायालय को सौंप दी।ALSO READ: बदलापुर रेप के आरोपी अक्षय शिंदे की मौत, क्राइम ब्रांच ने की मौत की पुष्टि
ये पुलिसकर्मी थे आरोपी : बंबई उच्च न्यायालय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। अन्ना शिंदे ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला। इस घटना में शामिल अधिकारियों में ठाणे अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे, सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) नीलेश मोरे, हेडकांस्टेबल अभिजीत मोरे और हरीश तावड़े तथा एक पुलिस चालक शामिल थे।
पीठ ने 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा : अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि आरोपी अक्षय शिंदे की मौत के लिए 5 पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं। पीठ ने कहा कि कानून के अनुसार पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और जांच की जानी चाहिए।
अदालत ने कहा कि हम मूल रिपोर्ट और इसके साथ संलग्न सभी दस्तावेज तथा गवाहों के बयान फिलहाल अपने पास रखेंगे। अभियोजन पक्ष को मामले की जांच के दौरान बाद में इसकी जरूरत पड़ सकती है। अदालत ने सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर से कहा कि वह 2 सप्ताह में पीठ को बताएं कि मामले की जांच कौन सी जांच एजेंसी करेगी।
आरोपी अक्षय शिंदे की कथित पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी : अक्षय शिंदे (24) को अगस्त 2024 में बदलापुर के एक स्कूल के शौचालय के अंदर 2 बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह स्कूल में 'अटेंडेंट' था। शिंदे की 23 सितंबर को तलोजा जेल से पूछताछ के लिए ले जाते समय कथित पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी।
पुलिस ने दावा किया कि उसने पुलिस वैन में मौजूद एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली, गोली चलाई और जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे ने अक्षय को गोली मारी जबकि गोलीबारी के समय वैन में एपीआई नीलेश मोरे, 2 कांस्टेबल और एक पुलिस चालक मौजूद थे।ALSO READ: आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पुलिस को दी हिदायत
अक्षय शिंदे को उसकी पत्नी द्वारा उसके खिलाफ दर्ज कराए गए एक मामले के संबंध में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था। पुलिस हिरासत में किसी आरोपी की मौत के मामले में कानून के तहत मजिस्ट्रेटी जांच शुरू की जाती है। उच्च न्यायालय ने भी यौन उत्पीड़न मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और स्कूलों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का आदेश दिया था।
सरकारी वकील वेनेगांवकर ने सोमवार को पीठ के समक्ष राज्य शिक्षा विभाग का हलफनामा पेश किया जिसमें घटना के बाद उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है। वेनेगांवकर ने कहा कि समिति की रिपोर्ट 31 जनवरी तक तैयार हो जाएगी।(भाषा)