थाई पोंगल 2024 की 5 विशेष बातें

तमिलनाडुक के पर्व पोंगल को 5 दिनों तक मनाते हैं, थाई पोंगल दूसरा दिन

WD Feature Desk
Thai Pongal 2024: पोंगल त्योहार का प्रचलन दक्षिण भारत के तलिमनाडु में ज्यादा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पोंगल पर्व सूर्य के मकर में जाने पर मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह 15 जनवरी 2024 सोमवार को मनाया जाएगा। पोंगल का मुख्य त्योहार थाई पोंगल होता है। थाई पोंगल, पांच दिवसीय उत्सव का दूसरा दिन है, जिसे संक्रान्ति के रूप में भी मनाया जाता है। आओ जानते हैं इस पर्व की 5 खास बातें।
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1. पोही : पोंगल के पहले अमावस्या को लोग बुरी रीतियों का त्यागकर अच्छी चीजों को ग्रहण करने की प्रतिज्ञा करते हैं। यह कार्य 'पोही' कहलाता है तथा जिसका अर्थ है- 'जाने वाली।' पोंगल का तमिल में अर्थ उफान या विप्लव होता है। पोही के अगले दिन अर्थात प्रतिपदा को दिवाली की तरह पोंगल की धूम मच जाती है।
2. भोगी : पोंगल के पहले दिन को 'भोगी' के रूप में जाना जाता है और यह बारिश के देवता इंद्र को समर्पित है। पहले दिन कूड़ा-करकट एकत्र कर जलाया जाता है।
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3. थाई पोंगल : पोंगल के दूसरे दिन को 'थाई पोंगल' के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य देवता को मनाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है।
 
4. मट्टू पोंगल : पोंगल के तीसरे दिन को 'मट्टू पोंगल' के नाम से जाना जाता है। मट्टू अर्थात नंदी या बैल की पूजा की जाती है। इस दिन, पशुधन, गायों को सजाकर उनकी पूजा की जाती है। यह दिन फसलों के उत्पादन में मदद करने वाले खेत, जानवरों को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है।
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5. कन्नुम : पोंगल का चौथा दिन 'कन्नुम/कानू' होता है, इस दिन, हल्दी के पत्ते पर सुपारी, गन्ने के साथ बचा हुआ पोंगल पकवान खुले में रखा जाता है। इसे कन्या पोंगल भी कहते हैं। इस दिन क्या पूजा की जाती है जो काली मंदिर में बड़े धूमधाम से की जाती है।

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