अमेरिकी युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता की विजेता बनी भारतीय मूल की ‘अनिका’

Webdunia
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020 (12:19 IST)
नई दिल्ली, विज्ञान के माध्यम से किसी समस्या का समाधान निकालने की वास्तव में कोई उम्र नहीं होती। भारतीय मूल की अमेरिकी किशोरी अनिका चेब्रोलू ने अपने एक शोध से इसे सही साबित कर दिखाया है। केवल 14 वर्ष की उम्र में अपने शोध के लिए उन्हें 25 हजार डॉलर यानी करीब 18 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई है।

अनिका का यह शोध वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 का संभावित ईलाज तलाशने में उपयोगी हो सकता है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 का कारगर उपचार तलाशने में दुनियाभर के वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हुए हैं। इस किशोरी के शोध में वैज्ञानिकों को संभावनाएं दिख रही हैं।

अनिका के परिवार की पृष्ठभूमि मूलतः आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले से जुड़ी है। 3एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज नामक इस प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी छाप ऐसे समय में छोड़ी है, जब दुनिया कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रही है।

इस प्रतियोगिता का आयोजन अमेरिका के मिनिसोटा में स्थित एक प्रमुख विनिर्माण कंपनी 3एम द्वारा किया जाता है। अनिका ने अंतिम चरण में नौ प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर यह पुरस्कार हासिल किया है। इन पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 3एम प्रतियोगिता की वेबसाइट www.youngscientistlab.com पर अनिका की उपलब्धि के बारे में जानकारी दी गई है।

3एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज प्रतियोगिता की विजेता अनिका चेब्रोलू कोविड-19 जैसी भयंकर महामारी सार्स-सीओवी-2 नामक वायरस के संक्रमण के चलते होती है। ऐसे में वायरस के प्रसार को निष्क्रिय करना बेहद आवश्यक है। अनिका ने इसके लिए एक मॉलिक्यूल यानी अणु की खोज की है।

बताया जाता है कि यह मॉलिक्यूल इन-सिलिको प्रक्रिया के जरिये वायरस को एक स्पाइक प्रोटीन में बांधकर उसे फैलने से रोक सकता है। अनिका ने वर्चुअल तरीके से इसे प्रस्तुत करके दिखाया है। अपनी इस सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए अनिका ने कहा कि 'मैं अमेरिका के शीर्ष युवा वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होकर खुश हूं।"

अमेरिकी के टेक्सास में रहने वाली अनिका कुछ समय पहले एक किस्म के फ्लू की चपेट में आ गई थीं और उससे उबरने के प्रयासों के बीच ही उन्हें इस दिशा में शोध करने की प्रेरणा मिली। हालांकि, शुरुआत में कोरोना कहीं उनके दिमाग में नहीं था। 3एम वेबसाइट पर इस स्पर्धा की सूचना मिलने पर उन्होंने इसमें शामिल होने का फैसला किया। अथक प्रयत्न और समर्पण से आखिरकार उनकी झोली में यह पुरस्कार आ गया।

अनिका जीवन और समस्त ब्रह्मांड का आधार विज्ञान को मानती हैं, जिसे पूरी तरह समझने में सतत और अधिक प्रयास करने होंगे। भविष्य में अनिका एक मेडिकल शोधकर्ता और प्रोफेसर बनने का इरादा रखती हैं। (इंडिया साइंस वायर)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बिहार चुनाव से पहले SIR का क्यों है डर? जानिए चुनाव आयोग और विपक्ष का तर्क

Government Jobs : आने वाली है सरकारी नौकरियों की बाढ़, CAPF में 1.09 लाख पद खाली, 72,689 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: दैवीय हस्तक्षेप या राजनीतिक विवशता?

राहुल ने पीएम पद ठुकराया था, मनमोहन सिंह ने किया था ऑफर, सांसद पप्पू यादव का सनसनीखेज खुलासा

गोरखपुर के PAC ट्रेनिंग सेंटर में बवाल, सुविधाओं को लेकर महिला सिपाहियों का हंगामा

सभी देखें

नवीनतम

ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिर को बनाया निशाना, दीवारों पर लिखे अपमानजनक शब्‍द

सदन में मुझे मां-बहन की गालियां दी गईं, हमले की भी योजना थी

आखिर थाइलैंड और कंबोडिया में क्यों हो रही है जंग, क्या है विवाद की वजह

चुनाव आयोग की धोखाधड़ी के 100 फीसदी सबूत, राहुल गांधी के आरोप पर क्या कहा EC ने

भारत-ब्रिटेन ट्रेड डील की मुख्य बातें, जानिए किस क्षेत्र को मिलेगा कितना फायदा

अगला लेख