सेना में भर्ती होने का कश्मीरी युवाओं में कम नहीं हो रहा जोश

सुरेश डुग्गर
जम्मू। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिए जाने के बाद से कश्मीरी युवकों का सेना में भर्ती होने का जोश कम नहीं हो रहा है। यह दावा सेना द्वारा किया जा रहा है जिसने एक माह के भीतर दूसरी बार आज भर्ती रैली का आयोजन किया। उनके अनुसार, अनुच्छेद 370 और 35ए के हटाए जाने के विवाद के बीच आज एक बार फिर घाटी के युवाओं ने अपना जोश दिखाया और बढ़चढ़कर भारतीय सेना की भर्ती रैली में शामिल हुए।

माना जा रहा है कि इससे राज्य के अन्य युवा भी प्रेरित होंगे और मुख्यधारा में लौटने की कोशिश करेंगे। सेना प्रवक्ता के अनुसार, ये पूरे देश के लिए एक बेहतर संदेश है। रक्षा मंत्रालय ने एक माह के भीतर दूसरी बाद कश्मीर के नौजवानों के लिए भर्ती रैली का आयोजन किया। शनिवार को घाटी में आयोजित रैली में सैकड़ों की तादाद में युवा फौजी बनने के लिए रंगरेथ स्थित सैन्य भर्ती सेंटर पहुंचे। इन युवाओं को काबू करने के लिए सैनिकों को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता न बताया कि स्थानीय लोगों के आग्रह और स्थानीय युवाओं में फौज में भर्ती होने के जोश को देखते हुए ही जम्मू कश्मीर में प्रादेशिक सेना जिस टेरीटोरियल आर्मी अथवा जिसे टीए भी कहते हैं, में भर्ती का फैसला लिया गया है। यह भर्ती रैली जिलावार आयोजित की जा रही है। 2 दिन पहले ही उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे जिला कुपवाड़ा में टीए की भर्ती आयोजित की गई थी, जिसमें 2 हजार स्थानीय युवकों ने हिस्सा लिया था। आज से श्रीनगर में भर्ती रैली शुरू की गई है।

गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय ने इसी माह के पहले सप्ताह के दौरान वादी में एक भर्ती रैली का आयोजन किया था। इस रैली में करीब 5 हजार स्थानीय युवकों ने हिस्सा लिया था, जबकि कुल रिक्तियां सिर्फ 2780 ही थीं।

रैली स्थल पर मौजूद कर्नल रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि आज सिर्फ फिजिकल टेस्ट होगा। यहां आए लड़कों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच होगी। फिजिकल टेस्ट में पास रहने वालों को अगले चंद दिनों में एक लिखित परीक्षा में शामिल होना होगा। इस परीक्षा में सफल रहने वालों की मेरिट लिस्ट बनेगी और उसके आधार पर हम इन युवकों को भर्ती करेंगे।

उन्होंने कहा कि आज यहां मौजूदा लड़कों में बहुत से श्रीनगर शहर से ही संबंध रखने वाले हैं। यह उन लोगों के लिए जवाब है जो यह कहते हैं कि घाटी में सिर्फ दूरदराज और ग्रामीण इलाकों के रहन वाले युवक ही फौज में भर्ती होते हैं। इनमें से कई ग्रेज्युएट भी हैं।
फोटो सौजन्‍य : सोशल मीडिया

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