Chandrayaan 3 की लैंडिंग पर बड़ा खुलासा, क्या है इसका नेक्टरियन काल से कनेक्शन?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 29 सितम्बर 2024 (12:36 IST)
Mission chandrayaan 3 : भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को लेकर इसरो वैज्ञानिकों एक बड़ा खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि जिस क्रेटर पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग हु्ई थी उसका कनेक्शन नेक्टरियन काल से है। मिशन और उपग्रहों से प्राप्त चित्रों का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों ने यह संभावना जताई है।
 
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के शोधकर्ताओं ने बताया कि चंद्रमा जिस क्रेटर पर उतरा है वह नेक्टरियन काल के दौरान बना था। नेक्टरियन काल 3.85 अरब वर्ष पहले का समय है और यह चंद्रमा की सबसे पुरानी समयावधियों में से एक है।
 
क्या होता है क्रेटर : किसी भी ग्रह, उपग्रह या अन्य खगोलीय वस्तु पर गड्ढे को क्रेटर कहा जाता है। ये क्रेटर ज्वालामुखी विस्फोट से बनते हैं। इसके अलावा किसी उल्का पिंड के किसी अन्य पिंड से टकराने से भी क्रेटर बनते हैं।
 
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के ग्रह विज्ञान प्रभाग में एसोसिएट प्रोफेसर एस. विजयन ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा कि चंद्रयान-3 जिस स्थल पर उतरा है वह एक अद्वितीय भूगर्भीय स्थान है, जहां कोई अन्य मिशन नहीं पहुंचा है। मिशन के रोवर से प्राप्त चित्र चंद्रमा की ऐसी पहली तस्वीर हैं जो इस अक्षांश पर मौजूद रोवर ने ली हैं। इनसे पता चलता है कि समय के साथ चंद्रमा कैसे विकसित हुआ।
 
जब कोई तारा किसी ग्रह या चंद्रमा जैसे बड़े पिंड की सतह से टकराता है तो गड्ढा बनता है तथा इससे विस्थापित पदार्थ को इजेक्टा कहा जाता है।
 
इकारस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के लेखक विजयन ने बताया कि जब आप रेत पर गेंद फेंकते हैं तो रेत का कुछ हिस्सा विस्थापित हो जाता है या बाहर की ओर उछलकर एक छोटे ढेर में तब्दील हो जाता है, इजेक्टा भी इसी तरह बनता है।
 
चंद्रयान-3 एक ऐसे क्रेटर पर उतरा था - जिसका व्यास लगभग 160 किलोमीटर है और तस्वीरों से इसके लगभग अर्ध-वृत्ताकार संरचना होने का पता चलता है।
 
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह संभवतः क्रेटर का आधा भाग है और दूसरा आधा भाग दक्षिणी ध्रुव- ऐटकेन बेसिन से निकले इजेक्टा के नीचे दब गया होगा। प्रज्ञान को चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह पर उतारा था।
 
उल्लेखनीय है कि इसरो द्वारा प्रक्षेपित इस चंद्रयान ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग की थी। चंद्रयान जिस स्थल पर उतरा था उसका 26 अगस्त 2023 को शिव शक्ति पॉइंट नाम रखा गया था।
Edited by : Nrapendra Gupta 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

RJD में कौन है जयचंद, जिसका लालू पु‍त्र Tej Pratap Yadav ने अपने मैसेज में किया जिक्र

Floods in Northeast India : उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को IAF ने किया रेस्क्यू

शिवसेना UBT ने बाल ठाकरे को बनाया 'सामना' का एंकर, निकाय चुनाव से पहले AI पर बड़ा दांव

विनाशकारी बाढ़ से असम अस्त व्यक्त, गौरव गोगोई के निशाने पर हिमंता सरकार

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन, मस्क के करीबी इसाकमैन नहीं बनेंगे NASA चीफ

सभी देखें

नवीनतम

रूस पर यूक्रेन का बड़ा ड्रोन हमला, 40 से ज्यादा लड़ाकू जेट ध्वस्त

MP : सीएम डॉ. मोहन यादव का बड़ा एक्शन, कटनी, दतिया SP और चंबल IG-DIG हटाए गए

श्रीश्री रविशंकर और अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने किया द आर्ट ऑफ लिविंग मेडिएशन पहल का शुभारंभ

PM मोदी को चुनाव प्रचार से दूर हो जाना चाहिए, मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री से क्‍यों की यह अपील

Kia इंडिया की बिक्री मई में 14 प्रतिशत बढ़ी

अगला लेख