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श्रीनगर की हजरतबल दरगाह में बवाल, अशोक स्तंभ चिह्न को तोड़ा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025 (20:30 IST)
Ruckus at Hazrat Bal Dargah in Srinagar: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर स्थित हजरतबल दरगाह के जीर्णोद्धार पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ अंकित करने से विवाद उत्पन्न हो गया है। स्थानीय लोगों और नेताओं का कहना है कि मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर किसी भी प्रकार की जीव जंतु की आकृति का होना इस्लामी एकेश्वरवाद की अवधारणा के विरुद्ध है।
 
इस दरगाह में पैगंबर मोहम्मद के पवित्र चिह्न है। यहां आने वाले अकीदतमंदों ने दरगाह के भीतर उद्घाटन पट पर अशोक चिह्न अंकित करने के लिए जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की आलोचना की। हाल ही में इस दरगाह का जीर्णोद्धार किया गया और दरगाह के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास परियोजना का उद्घाटन वक्फ अध्यक्ष दरखशां अंद्राबी ने किया।
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Those who damaged the Ashoka emblem & foundation stone of Dargah Hazratbal have attacked the pride of the nation. This is a serious crime — authorities @JmuKmrPolice must register FIR & ensure exemplary punishment. #Ashoka #RespectNationalEmblem pic.twitter.com/1XsTVnQrEy

— Farooq Ganderbali (@farooqgbly) September 5, 2025 >
उद्घाटन पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक : दरगाह के अंदर रखी उद्घाटन पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक अंकित है, जिसकी विभिन्न वर्गों द्वारा तीखी आलोचना की जा रही है। कई जायरीनों ने कहा कि वक्फ बोर्ड की ओर से जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के प्रति ‘असंवेदनशील’ होना शर्मनाक है।
 
सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के मुख्य प्रवक्ता और जदीबल के विधायक तनवीर सादिक ने कहा कि प्रतिष्ठित दरगाह में बुत स्थापित करना इस्लाम के खिलाफ है, जो बुतपरस्ती की मनाही करता है। उन्होंने कहा कि मैं कोई धार्मिक विद्वान नहीं हूं, लेकिन इस्लाम में बुतपरस्ती की सख्त मनाही है, जो सबसे बड़ा पाप है। हमारे ईमान की बुनियाद तौहीद है। लोगों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय प्रतीक अंकित उद्घाटन पट्टिका को तोड़ दिया।

प्रतीक चिह्न हटाने वाले आतंकवादी : जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरखशां अंद्राबी ने शुक्रवार को यहां नवीनीकृत हजरतबल मस्जिद की उद्घाटन पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का विरोध करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अंद्राबी ने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हज़रतबल में संवाददाता सम्मेलन में पूछा कि क्या यहां के नेता इस प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल नहीं करते? क्या हमारे निर्वाचित मुख्यमंत्री इस प्रतीक चिह्न को अपने साथ नहीं ले जाते?
 
अंद्राबी ने कहा कि जिन लोगों को राष्ट्रीय प्रतीक के इस्तेमाल से समस्या है, उन्हें मस्जिद आते समय राष्ट्रीय प्रतीक वाले मुद्रा नोट नहीं ले जाने चाहिए। अंद्राबी ने कहा कि वह जिस पार्टी (भाजपा) से जुड़ी हैं, वह वक्फ पर राजनीति नहीं करती। वक्फ बोर्ड प्रमुख ने कहा कि आतंकवादी केवल जम्मू- कश्मीर के जंगलों में ही नहीं पाए जाते हैं। उन्होंने उन लोगों को भी आतंकवादी करार दिया, जिन्होंने प्रतीक चिह्न को हटाया। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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