छठ पूजा को लेकर गरमाई सियासत, कहीं घाटों पर होगी पूजा तो कहीं घर में ही मनेगा पर्व

Webdunia
बुधवार, 18 नवंबर 2020 (11:19 IST)
नई दिल्ली। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत बुधवार को नहाय-खाय के साथ हो गई और 21 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा सम्पन्न होगी। कोरोना काल में कई राज्यों ने छठ पूजा पर सार्वजनिक कार्यक्रमों की इजाजत नहीं दी तो विपक्षी नेता इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। कुल मिलाकर इस पर्व पर जमकर सियासत हो रही है।
 
मुंबई में समुद्र किनारे छठ पर्व पर रोक : बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने समुद्र तट पर बड़े पैमाने पर छठ पूजा करने पर रोक लगाने संबंधी आदेश मंगलवार को जारी किए। निकाय संस्था ने इसके साथ ही श्रद्धालुओं से भीड़भाड़ से बचने का आह्वान भी किया।
 
दिल्ली में छठ पूजा की छुट्टी : दिल्ली में इस बार सार्वजनिक जगहों पर छठ का आयोजन नहीं होगा। हालांकि, श्रद्धालु अपने घरों में या किसी निजी स्थल पर छठ पर्व मना सकेंगे। इस दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना भी जरूरी होगा। सरकार ने 20 नवंबर को छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक छुट्‍टी का ऐलान किया है।
 
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर अनामिका ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा छठ आयोजन पर प्रतिबंध के कारण दिल्ली में रहने वाले पूर्वाचलवासियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि अन्य त्‍योहारों की तरह ही छठ पर्व भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मनाया जा सकता है। 
 
झारखंड में घाटों पर पूजा की इजाजत : नदियों और तालाबों के किनारे छठ पूजा की छूट के लिए लोगों की मांग और संगठनों के दबाव को देखते हुए झारखंड सरकार ने संशोधित दिशानिर्देश जारी कर छठ घाटों पर पूजा की अनुमति दे दी है।
 
पहले सरकार ने कोरोना की वजह से यहां सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी थी। भाजपा और हिंदू संगठनों समेत झामुमो, कांग्रेस और सरकार के सहयोगी दलों ने भी जनभावना के मद्देनजर सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया था। 
 
इंदौर में दो गुटों में बंटा समाज : हर साल शहर में छठ पूजा पर बड़ी संख्या में लोग सामूहिक पूजा करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना को लेकर कुछ आयोजकों ने सार्वजनिक आयोजन निरस्त कर दिए हैं। वहीं कुछ स्थानों पर आयोजन किए जा रहे हैं।
 
बताया जा रहा है कि छठ पूजा को लेकर बिहार का समाज दो गुटों में बंट गया है। एक गुट पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान से जुड़ा है तो दूसरा गुट अलग है जो आयोजन कर रहा है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन कैसे किया जाएगा, यह समझ से परे हैं।
 

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