पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को चीन की मदद, भारत ने मुंबई बंदरगाह पर पकड़ा जहाज

उत्तर कोरिया ने किया इस मशीन का उपयोग

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 3 मार्च 2024 (17:49 IST)
कस्टम अधिकारियों को मिली थी खूफिया जानकारी
पाकिस्तान ने बताई लेंथ मशीन
परमाणु-बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में हो सकता था प्रयोग
 
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीन से कराची जा रहे एक जहाज को इस संदेह में मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर रोक दिया कि इसमें दोहरे उपयोग वाली खेप थी जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए किया जा सकता था। इसे लेकर अब पाकिस्तान का बयान भी सामने आया है।
 
पाकिस्तान ने भारत के मुंबई बंदरगाह पर चीन से आ रही ‘परमाणु’ खेप जब्त करने पर नाराजगी जताई है। पाकिस्तान ने अब थोथी दलील देते हुए इसे ‘वाणिज्यिक उपकरण’ बताया है।
 
अधिकारियों को मिली थी खूफिया जानकारी : सीमा शुल्क अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर, 23 जनवरी को कराची जा रहे माल्टा का ध्वज लगे व्यापारी जहाज ‘सीएमए सीजीएम अत्तिला’ को बंदरगाह पर रोका और खेप का निरीक्षण किया, जिसमें एक कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) मशीन भी शामिल थी, जो मूल रूप से एक इतालवी कंपनी की बनाई हुई थी।
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क्या बोला पाकिस्तान : जहाज को मुंबई पोर्ट पर रोकने के मामले में पाकिस्तान का बयान सामने आया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा- भारतीय मीडिया हमेशा से गलत तथ्यों को पेश करता आया है। कराची की एक कंपनी चीन से लेथ मशीन (कलपुर्जे बनाने की मशीन) इम्पोर्ट कर रही थी। 
 
वह ऑटोमोबाइल कंपनियों को पार्ट्स सप्लाई करती है। यह एक साधारण सा मामला है। जो मशीन मंगाई गई है, उससे साबित होता है कि यह सिविलियन सप्लाई से जुड़ा मसला है। सारे ट्रांजैक्शन को भी पारदर्शी रखा गया है।
 
सीएनसी मशीनें मूल रूप से एक कंप्यूटर से चलती हैं और दक्षता, स्थिरता व सटीकता का ऐसा पैमाना तैयार करती हैं जो मैन्युअल रूप से संभव नहीं है।
 
विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपकरण पाकिस्तान के मिसाइल विकास कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण भागों के निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकता था।
 
वर्ष 1996 से, सीएनसी मशीनों को ‘वासेनार व्यवस्था’ में शामिल किया गया है। वासेनार एक अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण व्यवस्था है जिसका उद्देश्य नागरिक व सैन्य दोनों उपयोगों वाले उपकरणों के प्रसार को रोकना है।
 
भारत उन 42 सदस्य देशों में से एक है जो पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं व प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। सीएनसी मशीन का उपयोग उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम में किया था।
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बंदरगाह के अधिकारियों ने गुप्त सूचना देकर भारतीय रक्षा अधिकारियों को सतर्क किया जिन्होंने खेप का निरीक्षण किया और अपने संदेह की सूचना दी। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद खेप जब्त कर ली गई।
 
अधिकारियों ने बताया कि बिल और अन्य विवरण जैसे दस्तावेजों के अनुसार "शंघाई जेएक्सई ग्लोबल लॉजिस्टिक्स कंपनी लिमिटेड" ने सियालकोट की "पाकिस्तान विंग्स प्राइवेट लिमिटेड" को यह खेप भेजी थी।
 
हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की गहन जांच में पता चला है कि 22,180 किलोग्राम वजन की यह खेप ताइयुआन माइनिंग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी लिमिटेड ने पाकिस्तान में कॉसमॉस इंजीनियरिंग के लिए भेजी गई थी।
 
पाकिस्तानी रक्षा आपूर्तिकर्ता कॉसमॉस इंजीनियरिंग 12 मार्च, 2022 से निगरानी सूची में है, जब भारतीय अधिकारियों ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर इटली में निर्मित थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरणों की एक खेप को रोक दिया था। इनपुट एजेंसियां (symbolic picture)

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