नेपाल के पानी से यूपी में बाढ़, सरयू खतरे के निशान के पार, 100 से ज्यादा गांव डूबे

Webdunia
शनिवार, 1 अगस्त 2020 (12:48 IST)
बाराबंकी। नेपाल से बरसाती पानी छोड़े जाने से उफनाई सरयू नदी के लाल निशान पार कर लेने से बाराबंकी जिले की तीन तहसीलों के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए। वहीं, बस्ती जिले में सरयू लाल निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। 
 
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि सरयू नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ के पानी से रामनगर, सिरौलीगौसपुर और फतेहपुर तहसील क्षेत्र के लगभग 100 गांवों में भर गया है। घरों में कई फुट तक पानी भरने से लगभग 50 हजार आबादी को संकट पैदा हो गया है। लोग घर छोड़कर तटबंध पर शरण ले रहे हैं।
 
इस बीच बाढ़ के पानी की चपेट में आने से सिरौली के पास के एक पुल का संपर्क मार्ग बह गया। इससे कई गांवों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है।
 
जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ में फंसे लोगों और उनके पशुओं को निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया है, जबकि ग्रामीण नाव ना मिलने का आरोप लगा रहे हैं और बाढ़ के पानी से अपनी जान बचाने के लिए मकान की छतों पर डेरा डाले हुए हैं। मकान गिरने की आशंका के चलते कई परिवार गहरे पानी के बीच जान को जोखिम में डालकर तटबंध पर पहुंच रहे हैं।
 
नदी का जलस्तर बढ़ने की सूचना पर एसडीएम सिरौलीगौसपुर प्रतिपाल सिंह राजस्वकर्मियों के साथ बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे और मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया। उधर एडीएम ने बाढ़ चौकियों पर तैनात राजस्वकर्मियों को सतर्क किया है।
 
इस बीच नेपाल से शुक्रवार दोपहर फिर साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। गुरुवार को करीब सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। शुक्रवार को फिर पानी छोड़ जाने से सरयू में और उफान की आशंका है। 
 
बस्ती जिले में भी 20 से ज्यादा गांवों पर असर : राज्य के बस्ती जिले में भी सरयू खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है नदी का रुख प्रति घंटे दो सेंटीमीटर बढ़ाव की ओर है। बाढ़ और कटान से जिले के 20 से अधिक गांव प्रभावित हो गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्रों में हुई वर्षा और बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर और बढ़ने के आसार हैं।
 
सरयू नदी में शारदा बैराज से 153584, गिरजा बैराज से 206553 और सरजू बैराज से 11829 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सरयू नदी के कटान से 20 से अधिक गांव प्रभावित हो गए हैं। इससे 20 से भी अधिक गांव प्रभावित हो गए हैं। इन गांवों की बोई गई फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है। 

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