कर्नाटक की कहानी, आंकड़ों की जुबानी, जानिए मतदान से अब तक का घटनाक्रम...

Webdunia
शनिवार, 19 मई 2018 (16:47 IST)
कर्नाटक चुनाव इस बार किसी नाटक से कम नहीं रहा। चुनाव परिणामों के बाद सत्ता की जोड़तोड़ शुरू हुई और घटनाक्रम जिस तेजी से बदला उसने तो ‍हिन्दी की मसाला फिल्मों को भी मात दे दी। भारतीय राजनीति के इतिहास में यह संभवत: पहला मौका था, जब किसी राज्य सरकार के गठन के लिए आधी रात के बाद अदालत में सुनवाई हुई हो। अन्तत: सदन में हुए शक्ति परीक्षण से पहले ही भाजपा नेता येदियुरप्पा ने मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही एचडी कुमारस्वामी के मुख्‍यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
- राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था। जयनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव स्थगित हो गया, जबकि आरआर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते मतदान स्थगित हुआ। 
- 12 मई को हुई मतगणना में 72.13 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि 1952 के बाद सर्वाधिक है।
राज्य में 4.98 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। इनमें 2.52 करोड़ से अधिक पुरुष, करीब 2.44 करोड़ महिलाएं तथा 4,552 ट्रांसजेंडर हैं।
- 15 मई को हुई मतगणना में मतगणना में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस+38 एवं अन्य के खाते में 2 सीटें गईं। 
- किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं। भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने की घोषणा की। 
- भाजपा नेता येदियुरप्पा ने सबसे बड़े दल के नाते, जबकि जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस के समर्थन (116) से सरकार बनाने  का दावा पेश किया। 
- राज्यपाल वजूभाई वाला ने सबसे बड़े दल के नेता येद्दियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया और उन्हें बहुमत साबित करने के लिए  
15 दिन का समय दिया।


 
- येदियुरप्पा ने 17 मई को राज्य के 24वें मुख्य मंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ लेने के साथ ही उन्होंने किसानों का एक लाख रुपए तक  का ऋण माफ कर दिया। 
- कांग्रेस और जेडीएस ने राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 
जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की बेंच ने आधी रात दो बजे के बाद से इस मामले पर सुनवाई की।
- अदालत ने 18 मई को 2018 आदेश दिए कि येदियुरप्पा को शनिवार (19 मई) को सदन में बहुमत साबित करना होगा। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि येद्दि बहुमत सिद्ध करने से पहले कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे। 
- 18 मई को ही राज्यपाल वजूभाई वाला ने केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया। 
बोपैया की नियुक्ति पर आपत्ति लेते हुए कांग्रेस ने फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसे शीर्ष अदालत ने 19 मई को खारिज कर दिया। 
- शक्ति परीक्षण से पहले मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भावुक भाषण दिया और पद से इस्तीफा दे दिया।

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